Koriya: सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था देख भड़के कलेक्टर, चिकित्सा अधिकारी को जमकर लगाई फटकार
Koriya Community Health Center: कोरिया के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर पटना के हालात देखकर कलेक्टर ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. कलेक्टर ने इस मामले में बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
Koriya News: छत्तीसगढ़ की स्वास्थ व्यवस्था और स्वास्थ्य केंद्रों का हाल किसी से छिपा नहीं है. कहीं स्वास्थ केंद्र में डॉक्टरों की कमी है तो कहीं स्वास्थ केंद्र में ताला लगा रहता है. ऐसे में प्रदेश के कोरिया जिले के कलेक्टर कुलदीप शर्मा स्वास्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने की बागडोर संभाल चुके हैं. इसीलिए कलेक्टर आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना में छापामार स्टाईल में पहुंचे. उन्होंने पूरे स्वास्थ्य केन्द्र का बारिकी से मुआयना किया. इतना ही नहीं निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था दिखने पर कलेक्टर ने खण्ड चिकित्सा अधिकारी को जमकर फटकार भी लगाई और कार्रवाई के संकेत भी दे दिए हैं.
कोरिया कलेक्टर ने किया निरीक्षण
कोरिया कलेक्टर ने जिले के पटना कम्युनिटी हेल्थ सेंटर की ओपीडी, आईपीडी, ड्रेसिंग रूम और माइनर ऑपरेशन रूम, प्रसव कक्ष, इंजेक्शन रूम, एक्स-रे लैब और आई ऑपेरशन कक्ष के हर पहलुओं का निरीक्षण किया. जानकारी के मुताबिक इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की हर बैठक में कलेक्टर द्वारा लगातार सुबह-शाम ओपीडी संचालित करने की बात साफ-साफ बतौर निर्देश कही गई थी. लेकिन उसके बावजूद निर्देशों का पालन नहीं होने पर कलेक्टर ने इस मसले पर गहरी नाराजगी जाहिर की है. स्वास्थ्य केंद्र संचालन के हर बिंदु पर अव्यवस्था देख कलेक्टर ने बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश सीएमओ को दे दिए हैं.
मेल वार्ड और जनरल वार्ड में एक भी मरीज भर्ती नहीं
अव्यवस्था के इस आलम के साथ ही जब कलेक्टर शर्मा ने पुरुष वार्ड, महिला वार्ड और जनरल वार्ड समेत शौचालयों में स्वच्छता का अवलोकन किया तो उनकी नाराजगी एक बार फिर देखने को मिली. क्योकि पुरुष वार्ड और जनरल वार्ड में एक भी मरीज भर्ती नहीं थे. सिर्फ महिला वार्ड में एक-दो महिला भर्ती थी. जिस पर उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती महिलाओं से बात की और उनसे डॉक्टरों के द्वारा लगातार मॉनिटरिंग और दवाओं की उपलब्धता के साथ ही समय पर भोजन मिलने जैसी तमाम जानकारी ली. कलेक्टर के इस निरीक्षण के दौरान बीएमओ बैकुंठपुर सुदर्शन पैंकरा और स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ मौजूद रहे. गौरतलब है कि अक्सर सीएचसी और पीएचसी में डॉ. लोड लेने की जगह मरीजों को हायर सेंटर में इलाज के लिए भेज देते हैं. यहां के भी हालात कुछ ऐसे ही थे.
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