Koriya News: कोरिया जिले में इन दिनों प्रशासन की निगरानी में 40 डे मिशन के तहत अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत जिले में 10वी और 12वी बोर्ड परीक्षा की तैयारी चल रही है. जिसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए कलेक्टर कुलदीप शर्मा इन दिनों स्कूलों का औचक निरीक्षण कर रहें हैं. ऐसे में निरीक्षण के लिए जब कलेक्टर कटगोड़ी गांव के शासकीय विद्यालय पहुंचे तो वहां 10वीं की एक छात्रा ने कलेक्टर से आईएएस बनने का फॉर्मूला पूछ लिया. फिर कलेक्टर ने भी बिना देर किए छात्रा से अपने बचपन की पढ़ाई से लेकर आईएएस बनने तक के सफर की बातें शेयर की.
छात्रा के सवाल पर कलेक्टर की शुभकामनाएं
कलेक्टर कुलदीप शर्मा 40 डे मिशन के तहत चल रही परीक्षा की तैयारी का जायजा लेने जिले के सोनहत ब्लॉक के कटगोड़ी गांव पहुंचे. यहां उनके द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में मिशन के तहत चल रही बोर्ड परीक्षा की तैयारियों का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान ही 10वीं की छात्रा तनीषा तिवारी ने कलेक्टर से आईएएस बनने के बारे में सवाल किया. कलेक्टर ने भी छात्रा की जिज्ञासा को गंभीरता से लिया. और फिर उन्होने अपने जीवन के उन हर पहलुओं को छात्रा से शेयर किया. जिसकी सीढ़ी चढ़कर वो आज आईएएस बने. अपने जीवन का सार बताते हुए कलेक्टर रणवीर शर्मा ने विद्यालय की छात्रों से चर्चा की और उनके जिज्ञासा भरे सवालों के जवाब दिए. साथ ही उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.
परसेंट कम था इसलिए स्कूल एडमिशन में हुई दिक्कत
कलेक्टर श्री शर्मा ने इस सवाल पर अपने अनुभव बच्चों के साथ साझा करते हुए कहा कि वो कक्षा 10वी में सेकंड डिवीजन श्रेणी में पास हुए थे. इसके बाद जब 11वीं में प्रवेश के लिए दूसरे स्कूल गए तो कम परसेंट के कारण स्कूल में दाखिला पाने में दिक्कत हुई. और वो वाकया सेल्फ मोटिवेशन का क्षण रहा. इसके बाद आईएएस कलेक्टर रणवीर शर्मा ने बताया कि परिवार में जब आईएएस बनने की बात कही तब अच्छा प्रदर्शन ना होने के बावजूद ऊंचे लक्ष्य की बात पर घर वालों की नाराजगी भी देखनी पड़ी. उन्होंने हार नहीं मानी. फिर मेहनत शुरु की और 12वीं में डिस्टिंक्शन हासिल किया.
जिसके बाद 2 साल में ही उनके अंदर सकारात्मक परिवर्तन आया. अपनी आप बीती बताने के बाद श्री शर्मा ने कहा कि जीवन में लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करते रहें। अपनी कमियों को पहचान कर उन्हें सुधारें. इससे आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं. क्योंकि हर किसी का मोटिवेशन अलग हो सकता है. इस कारण किसी दूसरे व्यक्ति को प्रेरणा बनाने की अपेक्षा खुद अपने आप को प्रेरित कर मेहनत करें.
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