Guru Ghasidas National Park: कोरिया जिले के गुरू घासीदास नेशनल पार्क से एक बड़ी और दर्दनाक खबर आई है. यहां पर एक फीमेल टाइगर की मौत हो गई है. मादा बाघ की मौत की पुष्टि नेशनल पार्क के डायरेक्टर ने कर दी है. फिलहाल वन विभाग की टीम और आला अधिकारी मौके पर आ गए हैं. बाघिन की मौत की वजह क्या है इस बात की पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही हो सकेगी. 


मौके पर पहुंचे अधिकारी


मध्य प्रदेश के संजय गांधी नेशनल पार्क से लगे छत्तीसगढ़ के गुरू घासीदास नेशनल पार्क के अंदर एक बाघिन की मौत से वन अमले में हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल वन अधिकारियों को आज सुबह 8 बजे ये सूचना मिली कि कोरिया और सूरजपुर जिले में फैले गुरू घासीदास नेशनल पार्क में एक बाघिन का शव पड़ा है. जिसके बाद वन महकमे के डीएफओ से लेकर पार्क में आने वाले सभी रेंज के रेंजर और एलडीओ मौके पर पहुंच गए.


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पशु चिकित्सक की टीम का इंतजार


फिलहाल सभी पशु चिकित्सक की टीम का इंतजार कर रहे हैं. ये जानकारी देते हुए पार्क के डायरेक्टर रामाकृष्णन ने बताया कि बाघिन की मौत नेशनल पार्क में सोनहत रामगढ़ के पास सलगंवा खुर्द के जंगल में हुई है. जानकारी के मुताबिक अविभाजित मध्य प्रदेश के समय गुरू घासी दास नेशनल पार्क का पूरा इलाका संजय गांधी नेशनल पार्क के नाम से ही जाना जाता था. जिसके बाद जब छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई. उस समय इस पार्क का नाम गुरू घासीदास किया गया था. 


पोस्टमार्टम के बाद होगी पुष्टि


उसी समय से संजय गांधी नेशनल पार्क से बाघ छत्तीसगढ़ के नेशनल पार्क में आना जाना करते हैं. स्ंतानिय लोगों के मुताबिक बाघिन की मौत जहर की वजह से हुई है. लोगों का कहना है कि ये बाघिन पिछले कुछ समय से पार्क के अंदर के गांव में विचरण कर रही थी और गांव के मवेशियों को निशाना बना रही थी. लिहाजा इसने जब कल एक मवेशी को मारा तो उसने अपने मृत मवेशी में जहर डाल दिया.


कल जब बाघिन इस मरे मवेशी को खाने पहुंची तो खाने के बाद इसकी मौत हो गई. हालांकि पार्क के जिस इलाके में बाघिन की मौत हुई है. वो इलाका जंगल के काफी अंदर है. इसलिए इन सब बातों की पुष्टि तब हो पाएगी. जब पोस्टमार्टम के लिए टीम वहां पहुंचेगी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी.


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