छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों का गढ़ कहे जाने वाले कांकेर जिले में भालू के बाद अब शहरी क्षेत्र में तेंदुआ देखे से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. पिछले कुछ दिनों से तेंदुआ शहरी क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है जिससे अब मॉर्निंग वॉक में निकलना लोगों के लिए दुश्वार हो गया है. कांकेर शहर के गढ़िया पहाड़ में सोमवार को भी सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने एक चट्टान में तेंदुआ को बैठे हुए देखा और इसकी वीडियो भी बनाई.


हालांकि लोगों की सुगबुगाहट से चट्टान पर बैठा तेंदुआ कुछ देर बाद झाड़ियों की ओर भाग गया, लेकिन अब इस इलाके में भालू के बाद अब तेंदुआ दिखे जाने से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.


दरअसल पिछले कुछ सालों से लगातार कांकेर के शहरी क्षेत्रों में तेंदुआ देखा जा रहा है, कुछ साल पहले ही नेशनल हाईवे में एक पेड़ पर बैठे तेंदुआ को देखे जाने के साथ ही कांकेर शहर से लगे एक घर के अंदर भोजन की तलाश में तेंदुआ घुस गया था, इधर लगातार शहरी क्षेत्रों में तेंदुआ देखे जाने से शाम होते ही कर्फ्यू जैसे हालात बन रहे हैं.


शहरी क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं वन्य जीव 


कांकेरशहरवासियों से मिली जानकारी के मुताबिक गढ़िया पहाड़ में पिछले कुछ दिनों से चट्टानों पर तेंदुआ नजर आ रहा है. राजापारा, टिकरापारा से लगे पहाड़ी के चट्टानों पर सोमवार सुबह भी एक तेंदुआ देखा गया, मॉर्निंग वॉक पर निकले कुछ लोगों ने एक चट्टान पर तेंदुए को बैठे हुए देखा और जिसके बाद अपने मोबाइल से इसकी वीडियो बनाई, हालांकि तेंदुआ ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, और कुछ देर बाद झाड़ियों की ओर से चले गया, लेकिन लगातार इस इलाके में तेंदुआ देखे जाने से अब लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.


वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह शाम और रात में भी अब शहरी क्षेत्रों में तेंदुआ और भालुओं के  झुंड देखे जाने से लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डरते हैं. वहीं पालतू मवेशियों का तेंदुए के द्वारा शिकार का खतरा भी बना रहता है. उन्होंने कहा कि वन विभाग से कई बार कहने के बावजूद इन वन्यजीवों के लिए कोई फॉरेस्ट एरिया चिन्हाकित नहीं किया गया है.


जिसके चलते पानी और भोजन की तलाश में अब तेंदुआ और भालू बस्ती की ओर बढ़ रहे हैं और आए दिन आसपास के इलाकों में देखे जा रहे हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. भालुओं के हमले की वजह से कई ग्रामीण बुरी तरह से घायल भी हुए हैं, लेकिन वन विभाग इससे कोई सबक नहीं ले रहा है, जिसके चलते अब तेंदुआ दिखने से भी लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है और सुबह और रात के समय कर्फ्यू जैसे हालात बन रहे हैं.


भोजन और पानी की तलाश में सुबह-शाम देखे जा रहे भालू और तेंदुआ


इधर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि भालुओं के लिए जामवंत परियोजना के तहत 30 एकड़ रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में पार्क बनाया गया था, लेकिन अब उस इलाके में भालू दिखाई नहीं दे रहे हैं और शहरी क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं उन्होंने कहा कि स्थानीय  लोगों से तेंदुआ देखे जाने की जानकारी मिली है. ऐसे में विभाग के द्वारा ठोस कदम उठाने की बात अधिकारियों के द्वारा कही जा रही है.


वहीं इस इलाके के वन परिक्षेत्र अधिकारी का कहना है कि गर्मी के दिनों में पानी और भोजन की तलाश में तेंदुआ और भालू के ज्यादा संख्या में उपस्थिति देखी जा रही है, हालांकि शहर वासियों को भी तड़के सुबह और शाम के वक्त और रात में शहरी क्षेत्र से लगे आसपास के जंगलों में नहीं जाने की समझाइश दी गई है.