Chhattisgarh Rainfall: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. इस साल बीजापुर जिले में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया. मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 24 घंटे में अब तक 66 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. भारी बारिश की वजह से जिले के 30 गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को राशन की काफी दिक्कत हो गयी है. लोग जान जोखिम में डालकर उफनती नदी नालों को पार करने पर मजबूर हैं.
चिंतावागु नदी पर पुल नहीं बनने के कारण भी ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गयी है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने ग्रामीणों की दिक्कतों को जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है. 30 गांव की बदहाली पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने लोगों के जीवन यापन का सवाल पूछा.
उन्होंने मुख्य सचिव, राजस्व सचिव समेत बीजापुर कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एबीपी लाइव ने भी बारिश से बदहाल बीजापुर की खबर दिखाई थी. खबर में दिखाया गया था कि भोपालपटनम ब्लॉक के रहने वाले ग्रामीण उफनती चिंतावागु नदी पार कर राशन ले जाने को मजबूर हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के बाद मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त
इधर 8 किलोमीटर पैदल चलकर लोगों ने गांव में पीडीएस दुकान खोलने की मांग की है. अधिकारियों ने ग्रामीणों की मांग पर ध्यान नहीं दिया. ग्रामीण 15 सालों से चिंतावागु नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. मिनुर गांव की सरपंच ने बारिश में आवागमन के लिए कम से कम एक मोटर बोट उपलब्ध कराने की मांग भी की थी. मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन भारत ने कहा कि गांव की हालत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. वितरण की समस्या दूर करने के लिए पीडीएस दुकान में चार महीने का राशन एकसाथ उपलब्ध कराया जाता है.
हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
शासन के नियमों की जानकारी देते हुए महाधिवक्ता ने बताया कि कम से कम 500 की आबादी पर पीडीएस की दुकान खोली जाती है. वर्तमान में मिनुर गांव के लाभार्थियों की आबादी 500 नहीं है. बीजापुर में बारिश से बने हालात पर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में सचिव-लोक निर्माण विभाग, सचिव- सार्वजनिक वितरण प्रणाली पीडीएस, सचिव-राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग, कलेक्टर बीजापुर को पक्षकार बनाया है. मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डीवीजन बेंच ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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