Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है और इसी के साथ छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान भी. टिकट वितरण के बाद इन प्रत्याशियों को टिकट देने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. छत्तीसगढ़ के राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी इस बार जाति समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों को टिकट दे रही है. साथ ही, वर्तमान सांसदों का टिकट काट दिया है.
खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से 3 पर ओबीसी, 4 सीटों पर एसटी और 3 सीटों पर सामान्य वर्ग के नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, एक सीट पर एससी वर्ग के प्रत्याशी को टिकट दिया है. जानकारों का मानना है कि बीजेपी आलाकमान ने जाति फैक्टर को ध्यान में रखकर इस बार टिकट वितरण किया है.
सरपंचों को दिया सांसद का टिकट
खास बात यह है कि इस बार के चुनाव में ऐसे नेताओं को पहली बार टिकट मिला है जो अपने क्षेत्र में खासकर अपने-अपने जाति सुमदाय में अच्छी पकड़ रखते हैं. यही वजह है कि इनमें दो पूर्व सरपंचों को भी सीधे सांसद का टिकट बीजेपी ने दिया है.
चार एसटी वर्ग के प्रत्याशियों को मिला टिकट
बस्तर संभाग की बात की जाए तो यहां बस्तर और कांकेर लोकसभा सीट आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं. इस सीट में बीजेपी के 10 से अधिक आदिवासी नेताओं ने सांसद के टिकट के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश की थी. हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि जिस तरह से बस्तर में आदिवासियों के धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ा हुआ है, ऐसे में बस्तर से महेश कश्यप और कांकेर से भोजराज नाग लगातार इसके विरोध में काम कर रहे थे और हिंदुत्व को बचाने का प्रयास कर रहे थे.
धर्मांतरण के विरोध मे इन दो नेताओं के द्वारा निकाली गई महारैली और आंदोलन ने आदिवासी समुदाय पर काफी प्रभाव डाला और यही वजह है कि बीजेपी भाजपा ने बस्तर से महेश कश्यप और कांकेर लोकसभा से भोजराम नाग को प्रत्याशी बनाया.
ये दो नेता भी चुनावी मैदान में
इसके अलावा सरगुजा संभाग से चिंतामणि महाराज जो कि (एसटी) आदिवासी वर्ग से हैं, उन्हें टिकट दिया गया है. वहीं, रायगढ़ से भी राधेश्याम राठिया को बीजेपी ने चुनावी मैदान में उतारा है.
6 जनरल सीटों में से 3 पर ओबीसी वर्ग के प्रत्याशी
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ में दुर्ग संभाग की बात की जाए तो यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. इस संभाग में अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की पकड़ अच्छी है और विजय बघेल अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों में काफी अच्छी पकड़ रखते हैं. इस वजह से विजय बघेल तो बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है.
वहीं महासमुंद सीट भी जनरल सीट है लेकिन इस सीट से ओबीसी वर्ग की रूप कुमारी चौधरी को टिकट दिया गया है. सामान्य सीट बिलासपुर पर भी ओबीसी वर्ग के पूर्व विधायक तोखन साहू को चुनावी मैदान में उतारा गया है. इसके अलावा, जांजगीर- चांपा लोकसभा सीट से सनातनी समाज वर्ग के कमलेश जांगड़े को टिकट दिया है. जांजगीर-चांपा में सतनामी समाज की जनसंख्या ज्यादा है और कमलेश जांगड़े की अपने समुदाय में अच्छी पकड़ है.
अनारक्षित सीटों रायपुर और राजनांदगांव से बृजमोहन अग्रवाल और संतोष पांडे को उतारा गया है. वहीं, कोरबा सामान्य सीट से सरोज पांडे को टिकट दिया गया है. यह सभी सामान्य वर्ग से हैं. इस वजह से ब्राह्मण वोटरों को खुश करने के हिसाब से यह फैसला लिया गया है. राजनांदगांव से संतोष पांडे दूसरी बार सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं और सरोज पांडे राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं. इसके अलावा, बृजमोहन अग्रवाल वर्तमान में छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री हैं.
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