Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) ने सोमवार को सरगुजा लोकसभा सीट (Surguja Lok Sabha Seat) से बीजेपी (BJP) के उम्मीदवार चिंतामणि महाराज (Chintamani Maharaj) पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें कथित कोयला लेवी घोटाले में लाभार्थी के रूप में नामित किया था, लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी गई. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी की वाशिंग मशीन में डालने के बाद उनके सारे पाप धुल गए. कमल छाप का ताबीज पहनकर वे ईमानदार हो गए.
कांग्रेस के पूर्व विधायक महाराज को पार्टी ने पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में टिकट देने से इंकार कर दिया था. बाद में महाराज बीजेपी में शामिल हो गए थे. राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस वर्ष जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक पत्र के आधार पर कथित कोयला लेवी घोटाले में मामला दर्ज किया था. ईडी पिछले तीन वर्ष से कोयला लेवी मामले की जांच कर रही है. एसीबी की ओर से दर्ज प्राथमिकी में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, चंद्रदेव प्रसाद राय, शिशुपाल सोरी और बृहस्पत सिंह, आईएएस अधिकारियों समीर बिश्नोई, रानू साहू और अधिकारी सौम्या चौरसिया समेत 35 लोगों के नाम हैं.
कांग्रेस की ओर से क्या कहा गया?
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ''कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार और पार्टी नेताओं को बदनाम करने के उद्देश्य से ईडी ने अनेक कार्रवाई कीं. ईडी ने तथाकथित कोयला घोटाला को लेकर तीन साल तक जांच की और जब कुछ हासिल नहीं कर पाई तो राज्य के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो को पत्र लिखकर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने को कहा.''
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, ''इस पत्र में ईडी ने इस तथाकथित कोयला घोटाले को लेकर विस्तृत ब्यौरा भी दिया और इसमें कुछ लोगों के नाम भी हैं जिनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज किये जाने की बात कही गई थी. इस पत्र में ईडी ने जिन लोगों को नामजद किया है, उन्हें कथित तौर पर प्राप्त हुई राशि का उल्लेख भी किया है. इसी में 10वें क्रम पर ईडी ने सामरी से कांग्रेस के तत्कालीन विधायक चिंतामणि महराज के नाम का उल्लेख करते हुए पांच लाख रुपए लिये जाने का दावा किया है.”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ''ईडी के इस पत्र के आधार पर 17 जनवरी 2024 को दर्ज एसीबी की प्राथमिकी में चिंतामणि महराज का नाम नहीं है. चिंतामणि महाराज अब बीजेपी में शामिल होकर सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार है. पीएम मोदी की वाशिंग मशीन में डालने के बाद उनके सारे पाप धुल गए. कमल छाप का ताबीज पहनकर वे ईमानदार हो गए.'' उन्होंने कहा, ''एक पत्र के आधार पर जब 35 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था तो फिर चिंतामणि महराज का नाम प्राथमिकी से बाहर क्यों किया गया, इसलिए कि वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं?'' वहीं संपर्क करने पर चिंतामणी महाराज ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस मुद्दे के बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.