Chhattisgarh News: महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत की चर्चा पूरे देश में हो रही है. बीजेपी इसे विपक्षी एकता को झटका बता रही है. इस बीच छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर बयान दिया है. उन्होंने बीजेपी आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी के माध्यम से शिवसेना को तोड़ा. शिवसेना में आधा दर्जन से अधिक नेता थे जिनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसी जांच कर रही थी. सभी लोग उनके (बीजेपी) साथ गए तो अब जांच बंद हो गई. अभी कुछ दिन पहले ही एनसीपी के नेता के घर छापा पड़ा, वो जैसे ही एनसीपी छोड़कर आए तो उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल गई. सोमवार (3 जुलाई) को उन्होंने ये बात कही.
इससे पहले रविवार (2 जुलाई) को सीएम बघेल ने कहा था कि में एनसीपी में विभाजन और अजित पवार के एकनाथ शिंदे नीत महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने पर यह 'डबल इंजन' की सरकार से 'तीन-पहिये' वाला ऑटो-रिक्शा बन गया है. सीएम बघेल ने महाराष्ट्र सरकार में और उथल-पुथल होने का दावा करते हुए कहा था, 'मैंने देखा कि देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे और मुस्कुरा रहे थे,जबकि राज्यपाल के दूसरी ओर बैठे मुख्यमंत्री शिंदे निराश लग रहे थे।' उन्होंने ये भी कहा था एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अभी 'अपने पत्ते नहीं खोले हैं'.
सोमवार को महाराष्ट्र में क्या कुछ हुआ?
अजित पवार की बगावत के बाद में महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम सोमवार को भी तेज है. शरद पवार ने अजित पवार की बगावत को उनका आशीर्वाद प्राप्त होने की अटकलों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि वो एक बार फिर से पार्टी को खड़ी करके दिखाएंगे. इसके बाद उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे का नाम पार्टी के सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश दिया. वहीं, महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने शिंदे सरकार में शपथ लेने वाले विधायकों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया.
इसके कुछ देर बाद ही अजित पवार के गुट ने जयंत पाटिल को महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष पद से हटाने का एलान कर दिया. इसके साथ ही अजित पवार को विधायक दल का नेता नियुक्त कर दिया. जयंत पाटिल की जगह सुनील तटकरे को महाराष्ट्र एनसीपी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. प्रफुल्ल पटेल ने अपने बारे में कहा कि एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष की हैसियत से उन्होंने ये नियुक्ति की है.