Mahasamund News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) के पड़ोसी जिले महासमुंद (Mahasamund) में इन दिनों ग्रामीण जंगली जानवरों के हमले से दहशत में हैं. पिछले 36 घंटे के भीतर 3 गांव के 11 ग्रामीणों पर लकड़बग्घे (Hyena) ने हमला किया है. इस घटना में एक ग्रामीण की हालत गंभीर है, जिसे बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर कर दिया गया है.

 

दरअसल पिथौरा वन परिक्षेत्र के छिंदौली, बेल्डीह और गिरना गांव में लकड़बग्घे ने ग्रामीणों पर हमला किया है. तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए जंगल की ओर जा रहे छिंदौली के ग्रामीणों का लकड़बग्घे से आमना-सामना हो गया, जहां 7 ग्रामीणों की लकड़बग्घे ने घायल कर दिया.

 

इसके बाद आस-पास के गांव के ग्रामीणों पर भी लकड़बग्घे ने हमला किया है. पिथौरा वन परिक्षेत्र के अधिकारी जयकांत गंडेचा ने बताया कि जिले में तेंदू पत्ता कलेक्शन का काम शुरू किया गया है. इस लिए ग्रामीण जंगल की ओर जा रहे हैं. 11 लोग घायल हुए थे, इसमें से 10 का प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी कर दी गई है. जंगली जानवरों के हमले से ग्रामीण दहशत में आ गए हैं. आस-पास के कई गांवों में वन विभाग की तरफ से मुनादी कराई जा रही है. ग्रामीणों को जंगली जानवरों से अलर्ट रहने को कहा जा रहा है.

 

'कुत्ते की तरह पागल हो जाते हैं लकड़बग्घे'

 

वहीं पिथौरा वन परिक्षेत्र के अधिकारी जयकांत गंडेचा ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि बहुत ज्यादा गर्मी के कारण लकड़बग्घा विचलित हो गया है. इसलिए परेशान होकर लोगों को घायल कर रहा है. लकड़बग्घे की एक्टिविटी को वॉच कर रहे हैं, आस-पास के गांवों में मुनादी भी कराई जा रही है. अभी अलर्ट रहें.

 

दूसरी तरफ वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट संदीप पौराणिक ने कहा कि भीषण गर्मी से लकड़बग्घे परेशान हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि ज्यादा गर्मी में कुत्ते की तरह लकड़बग्घे भी पागल हो जाते हैं और अकारण हमला करने लगते हैं. वन विभाग को उस लकड़बग्घे को पकड़ना चाहिए, क्योंकि रेबीज आ गया होगा तो उस लकड़बग्घे भी मौत हो जाएगी.

 

ये भी पढ़ें-