Mahatma Gandhi Death Anniversary: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय धुन 'अबाइड विद मी' पर सियासत शुरू हो गई है. बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में बजने वाली धुन को केंद्र सरकार ने हटाया तो छत्तीसगढ़ पुलिस बैंड ने रायपुर में बजाया है. इसके अलावा बापू के सभी प्रिय धुन को भी इस दौरान बजाया गया. अबाइड विद मी को हटाने पर कांग्रेस ने केंद्र पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारधारा को मिटाने का आरोप लगाया है.

 

दरअसल सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर रायपुर में मरीन ड्राइव के किनारे 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके प्रिय भजनों की प्रस्तुति दी गई. इस दौरान कांग्रेसी नेता और आम पब्लिक मौके पर मौजूद रहकर पुलिस बैंड का सम्मान किया. वहीं जब कार्यक्रम के समापन में अबाइड विद मी बजाने के लिए पुलिस बैंड कुर्सी से उठ गए तो वहां मौजूद सभी लोगों ने खड़े होकर धुन का सम्मान किया. छत्तीसगढ़ के बड़े कांग्रेसी नेता भी पुलिस बैंड की प्रस्तुति देखने पहुंचे थे. 

 

'बापू की विचारधारा को मिटाने की हो रही है कोशिश'

 

इस दौरान छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि केंद्र सरकार बापू की विचारधारा को मिटाने की कोशिश कर रही है, लेकिन बापू भारत के हर गांव में बसे हैं. उनको कोई नहीं मिटा सकता. पिछले 6-7 सालों से कोशिश की जा रही है पर वे सफल नहीं होंगे. छत्तीसगढ़ का बापू से अटूट स्नेह है. बापू के विचारधारा को नहीं मिटाया जा सकता है. दरअसल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजनों में अबाइड विद मी शामिल है, जिसे रक्षा मंत्रालय ने इस बार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से हटा दिया है.

 

सीएम बोले- देश न गांधी को भूल सकता है और न उनके विचारों को

 

इस धुन को आजादी के बाद 1950 में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में जोड़ा गया था. तब से ये लागातार बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में बजता था. इस साल पहली बार ऐसा हुआ है कि समारोह में धुन नहीं बजाई गई. इसका कांग्रेस ने जमकर विरोध किया. इसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने एलान किया कि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर छत्तीसगढ़ पुलिस बैंड की ओर से रायपुर के मरीन ड्राइव में विशेष आयोजन रखा गया है. इसमें गांधी के प्रिय भजनों के अलावा उनकी प्रिय धुन #AbideWithMe भी बजाई जाएगी. बापू को इससे अच्छी श्रद्धांजलि क्या होगी. वहीं सीएम ने यह भी लिखा है कि देश न गांधी को भूल सकता है, न उनके विचारों को और न उनकी पसंद को.

 

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