(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mainpat Mahotsav 2022: कुमार विश्वास की कविताओं पर फूटे हंसी के पटाखे, PM मोदी पर भी किया व्यंग्य
Mainpat Mahotsav: सरगुजा के प्रमुख पर्यटन स्थल मैनपाट में आज से मैनपाट महोत्सव (Mainpat Mahotsav) की शुरुआत हो गई है. 13 मार्च तक चलनेवाले कार्यक्रम में स्थानीय और मशहूर कलाकार शिरकत कर रहे हैं.
Mainpat Mahotsav: सरगुजा के प्रमुख पर्यटन स्थल मैनपाट में आज से मैनपाट महोत्सव (Mainpat Mahotsav) का शुभारंभ हो गया है. तीन दिनों तक चलनेवाले कार्यक्रम में देश के मशहूर कलाकार, स्थानीय कलाकार प्रस्तुति देंगे. महोत्सव का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत (Culture Minister Amarjit Bhagat) ने किया. गौरतलब है कि हर साल सरगुजा की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मैनपाट महोत्सव आयोजित किया जाता है. मैनपाट महोत्सव कार्यक्रम में पहले दिन देश के मशहूर कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने कविताओं की बौछार कर दी. उन्होंने कविताओं के माध्यम से 5 राज्यों में करारी हार का सामना करने वाली प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर तंज कसा.
मैं राजनीति में गया था, लेकिन मेरे साथ राजनीति हो गई-विश्वास
कुमार विश्वास ने कहा, "जब भी मैं कांग्रेस के नेताओं या कार्यकर्ताओं को देखता हूं तो कुमार विश्वास के अंदर एक और विश्वास आ जाता है कि मैं कम भीड़ में भी ऊंची आवाज से बोल सकता हूं. आगे कुमार विश्वास ने कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया कि भारत के राजकुमार का जल्द से जल्द विवाह करा दिया जाए क्योंकि आधी जवानी का कोई फायदा नहीं है." कुमार विश्वास की कविताएं सुनकर महोत्सव में हजारों दर्शक झूम उठे और तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी. पंजाब में हुए परिवर्तन पर पत्रकार के पूछे गए सवाल के जवाब में कुमार विश्वास ने कहा, "मैं राजनीति में गया था, लेकिन मेरे साथ ही राजनीति हो गई. इसलिए दोस्तों मेरा आग्रह है कि आधी जवानी का क्या फायदा और बिना कथानक के क्या कहानी.
'एक वो प्रधानमंत्री थे और एक ये हैं कि बोलते हैं तो रुकते ही नहीं'
कवि कुमार ने मजाकिया अंदाज में मनमोहन सिंह के बारे में भी थोड़े शब्द कहे. उन्होंने कहा कि भारत के एक वो प्रधानमंत्री थे जो बोलते नहीं थे और एक ये प्रधानमंत्री हैं जो बोलते हैं तो रुकते नहीं हैं." कुमार विश्वास 1988 से कविता पाठ कर रहे हैं. लेकिन 33 साल बाद पहली बार सरगुजा के मैनपाट आने पर पता चला कि ये महाकवि कालीदास की नगरी थी. इस नगरी में उन्होंने महाकाव्य मेघदूत की रचना की थी. अंत में उन्होंने दर्शकों की तालियों के साथ वादा किया कि अगली बार तीन से चार बार सरगुजा आएंगे और रामगढ़, मैनपाट की सैर करेंगे. बहरहाल, मैनपाट की खूबसूरत धरा पर पहली बार आए कवि कुमार विश्वास ने सरगुजा वासियों के प्रति खूब प्यार लुटाया. उन्होंने बेहतरीन कविताओं से दर्शकों का मन मोह लिया और जाते जाते महोत्सव की सफलता की शुभकामनाएं दी.
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