Chhattisgarh News: कोरोना के बाद पहली बार देश भर में खासकर उत्तर भारत में मकर संक्रांति बड़े उत्साह के साथ मनाने की तैयारी की जा रही है. रायपुर के घाट और देवालय सजाए जा रहे हैं. लेकिन इस बार मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू के बाजार में आग लग गई है. इसके भावों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है. क्योंकि एक साल में सफेद तिल के दाम 75 रुपए तक बढ़ गए हैं. पहली बार तिल के दाम इतने तेजी से बढ़े हैं. दरअसल मकर संक्रांति तिल के लड्डू का बड़ा महत्व है. सबसे पहले तिल और गुड़ से बने लड्डू से स्वास्थ्य के अच्छा होता है. वहीं ज्योतिष विज्ञान के अनुसार तिल को शनि से संबंधित वस्तु माना जाता है और गुड़ को सूर्य देव से संबंधित.


तिल और गुड़ का मिलन सूर्य और शनि के मिलन का प्रतीक माना जाता है. इसलिए लड्डू को परिवार में बनाने और इसे खाना बहुत ही शुभ माना जाता है. तिल गुड़ से बने लड्डू को भेंट करना सूर्य देव को प्रसन्न करना भी माना जाता है.इसे खाने से शरीर में शनि और सूर्य का संतुलन बना रहता है.


190 रुपये किलो में बिक रहे सफेद तिल


रायपुर के सबसे बड़े राशन बाजार गोल बाजार में इस साल सफेद तिल गुजरात से आ रहे है. राज्य के लोकल तिल बाजार में नहीं पहुंचे है. इस लिए तिल के दाम बढ़ गए है. गोल बाजार के दुकानदार सतीश जैन ने एबीपी न्यूज को बताया कि 70 से 75 रुपए सफेद तिल का दाम बढ़ गया है. इसके अलावा काले तिल के दाम भी 20 से 25 रुपए प्रीति किलो में बढ़ गए है. इस लिए पिछले साल 120 रुपए में बिकने वाले तिल 190 रुपए प्रति किलो में बिक रहे है. वहीं गुड के दाम बाद 5 से 7 रुपए प्रीति किलो में बढ़ गए है. गुड पिछले साल 42 रुपए किलो में बिक रहे थे अब 50 रुपए किलो में गुड़ बिक रहे है.


रायपुर के सबसे बड़े राशन बाजार से ग्राउंड रिपोर्ट 


सतीश जैन ने आगे बताया कि तिल गुड़ के दाम बढ़ने से दुकानदारी प्रभावित हो रही है. यहां कई तिल और गुड़ के दुकान है. लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे है. पिछले साल 2 क्विंटल से अधिक तिल की बिक्री हुई थी. इस साल एक किलों बिकना मुश्किल हो गया है. दुकानदार सतीश जैन ने ये भी बताया कि बढ़ती महंगाई के चलते अब खरीददार भी सीधे दुकान से ही तिल के लड्डू खरीद रहे है. इसके बाद एबीपी न्यूज ने कुछ लड्डू दुकानदार से पूछा तो उन्होंने बताया कि तिल के लड्डू 240 रुपए किलो में बिक रहे है. 


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