Chhattisgarh Election 2023: एक महीने के भीतर मल्लिकार्जुन खरगे का तीसरा दौरा, भरोसे के सम्मलेन में होंगे शामिल, एससी वोटर्स पर रहेगी नजर
Chhattisgarh Election: कांग्रेस का चुनाव अभियान तेज हो गया है. कांग्रेस राष्ट्रीय मल्लिकार्जुन खरगे भरोसे के सम्मलेन में शामिल होने रायगढ़ आ रहे हैं. इस दौरान (SC) वोट बैंक को साधने की कोशिश होगी.
Mallikarjun kharge Visit In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव(Chhattisgarh assembly election 2023) के पहले कांग्रेस (Congress)का अभियान तेज हो गया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे(Mallikarjun kharge) एक महीने के भीतर तीसरी बार छत्तीसगढ़ दौरे पर आ रहे है. जांजगीर चांपा, राजनंदगांव, बलौदा बाजार के बाद अब रायगढ़(Raigarh) जिले के दौरे पर आ रहे है. रायगढ़ में भरोसे के सम्मलेन में शामिल होने. इस दौरान सतनामी वोट (SC)बैंक को साधने की कोशिश होगी.मल्लिकार्जुन खरगे 82 जैतखाम(Jaitkham) का शिलान्यास करेंगे.
82 जैतखाम का शिलान्यास होगा
दरअसल रायगढ़ के कोड़ातराई में कांग्रेस सरकार का बड़ा आयोजन है. भरोसे का सम्मेलन शामिल होने के लिए दोपहर 12:30 बजे मल्लिकार्जुन खरगे रायगढ़ पहुचेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव और सभी कांग्रेस के बड़े नेता शामिल होंगे. इस मौके पर प्रदेश के 82 चयनित विकासखण्डों में निर्मित होने वाले जैतखाम का शिलान्यास होगा और शासन की विभिन्न योजना के 3088 लाभान्वित हितग्राहियों को 9 करोड़ 8 लाख 35 हजार रूपये की सामग्री व सहायता राशि वितरित की जाएगी.
एससी वोट बैंक को साधने की कोशिश
आपको बता दें कि रायगढ़ जिले में ओबीसी वोट बैंक बड़ा है लेकिन एससी वोटर निर्णायक भूमिका में रहते है.वर्तमान में जिले के सभी 4 विधानसभा सीटों में कांग्रेस का कब्जा है. इस लीड को कांग्रेस होने वाले विधानसभा चुनाव में रिपीट करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. एससी वोटरों को साधने के लिए एससी वर्ग के बड़े नेता मल्लिकार्जुन खरगे की रायगढ़ में सभा करवाया जा रहा है. लेकिन इसका कितना फायदा होगा ये तो चुनाव का परिणाम ही तय करेगा लेकिन कांग्रेस जातिगत समीकरण के हिसाब से ही अपनी चुनावी अभियान को आगे बढ़ा रही है.
क्या है जैतखाम
करीब ढाई सौ साल पहले एक किसान परिवार में जन्मे घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी. इस पंथ में शांति , एकता और भाईचारे का संदेश दिया गया है. इसके प्रतीक के रूप में सफेद लकड़ी की पूजा की जाती है.मानव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार प्रेमी ने बताया कि, है धर्म की पहचान के लिए एक सिंबल होता है. जिससे उसकी पहचाना की जा सकती है. उसी तरह सतनाम पंथ के लिए जैतखाम प्रतीक चिन्ह है. इसके पीछे ये मान्यता है की सतनाम पंथ में मूर्ति पूजा नहीं की जाती है,निर्गुण निराकार है.इस लिए एक एक लंबे खंबे का पूजा किया जाता है,जिसे जैतखाम कहा जाता है.