Chhattisgarh News: मनेंद्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर में ACB की दबिश, 50 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया महिला विभाग का बाबू
मनेंद्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकासखंड मुख्यालय खड़गंवा में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने महिला बाल विकास कार्यालय के बाबू रवि खलको को 50 हजार रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा.
Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नवगठित मनेंद्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने महिला बाल विकास कार्यालय के बाबू को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा. दरअसल मनेंद्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकासखंड मुख्यालय खड़गंवा में एंटी करप्शन ब्यूरो अम्बिकापुर की टीम ने कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना खड़गंवा पहुंची. यहां स्व सहायता समूह की राशि का भुगतान करने के लिए महिला बाल विकास कार्यालय के बाबू रवि खलको को 50 हजार रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है.
इस मामले में मांगी रिश्वत
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) अम्बिकापुर की टीम ने बताया कि शिकायतकर्ता ने शिकायत किया था कि महिला स्व सहायता समूह के द्वारा 2021-22 में रेडी टू ईट सामग्री वितरण किया गया था. इसके छह महीने के बिल लगभग 9 लाख रुपये में से ढाई लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है. वहीं 6 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया जाना बाकी है. उक्त राशि का भुगतान करने के एवज में कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना खड़गंवा में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 लेखपाल रवि शंकर खलको द्वारा एक लाख पचास हजार रिश्वत की मांग की जा रही है.
ACB की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा
शिकायतकर्ता और आरोपी में बीच 50-50 हजार रुपये कर किस्तों में एक लाख रुपये देने की सहमति बनी थी. 26 सितंबर को शिकायतकर्ता से मांगी गई रिश्वत की रकम 50 हजार रुपये लेते महिला बाल विकास कार्यालय के बाबू रविशंकर खलको को एसीबी की अम्बिकापुर टीम ने पकड़ लिया. आरोपी के खिलाफ धारा 7 (क), 12 भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट के सामने पेश किया गया.
पहले भी आए कई मामले
गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्व सहायता समूह का संचालन कर रही महिलाओं से अवैध वसूली करने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले जशपुर जिले में ऐसा ही मामला सामने आया था. यहां मिड डे मील का संचालन कर रही समूह की महिलाओं से बीईओ कमीशन की मांग करता था. हालांकि, महिलाओं के लगातार शिकायत और विरोध के बाद बीईओ को वहां से हटा दिया गया. वर्तमान में भी स्व सहायता समूह में कार्यरत ग्रामीण इलाकों की भोली भाली महिलाओं से शासकीय कार्य के संपादन लिए कर्मचारी कमिशन की मांग करते है. इनमें काफी सारे मामले लेन देन कर दबा दिए जाते हैं.
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