Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur: चपरासी के भरोसे सरकारी स्कूल! सिर्फ मिड डे मील खाने आते हैं बच्चे, ऐसे में कैसे होगी पढ़ाई
Chhattisgarh: एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र विकासखंड भरतपुर में बड़गांव कला गांव है. यहां के स्कूल में दो शिक्षकों की पदस्थापना हुई है, लेकिन वो दोनों शिक्षक आज तक स्कूल नहीं आए.
Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur News: प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने कई योजनाएं चला रही है. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए सरकार प्रयासरत है, लेकिन शिक्षक ही सरकार के मंसूबे पर पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है. सरगुजा संभाग में इन दिनों नशेड़ी प्रवृति के शिक्षकों की बाढ़ आ गई है. संभाग के कई जिलों में हाल ही में कई शिक्षक नशे की हालत में स्कूल पहुंचते मिले हैं, जबकि कुछ शिक्षक तो शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल में ही नशाबाजी कर रहे हैं.
हालांकि, ऐसे नशेड़ी प्रवृति के टीचरों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है. कई स्कूल तो ऐसे हैं जहां अक्सर देखा जाता है कि शिक्षक स्कूल समय में नदारद रहते हैं. स्कूल खुले महीनों बीत गए, लेकिन शिक्षक आज भी छुट्टियां मनाने में लगे हुए हैं. ऐसा की मामला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में सामने आया है. एमसीबी जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र विकासखंड भरतपुर में बड़गांव कला गांव है. यहां के स्कूल में दो शिक्षकों की पदस्थापना हुई है, लेकिन वो दोनों शिक्षक आज तक स्कूल नहीं आए.
स्कूल चपरासी की देख-रेख में स्कूल
वर्तमान में स्कूल चपरासी की देख-रेख में सिर्फ खोला और बंद किया जाता है. बच्चे सिर्फ मीड डे मील खाने स्कूल आते हैं और फिर चले जाते हैं. यहां जब से स्कूल खुला है तब से शिक्षक आए ही नहीं हैं. वहीं शासन के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाएं चलाई जा रही है. प्राथमिक शाला बघेल में शिक्षक बिना किसी सूचना के गायब रहते हैं, क्योंकि उनकी देख-रेख करने वाले सीएससी स्वयं नदारद रहते हैं. प्राथमिक शाला बघेल के शिक्षक छात्रावास अधीक्षक के भी प्रभार में है.
कार्रवाई नहीं होने से शिक्षकों के हौसले बुलंद
उक्त इलाके के जनपद सदस्य और सरपंच ने बताया कि कई बार शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होने से शिक्षकों के हौसले बुलंद हैं. ऐसे में शिक्षा का स्तर कैसे सुधरेगा. ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजते है. उनका सपना रहता है कि उनका बच्चा अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य गढ़े, लेकिन स्कूल में बच्चे केवल मध्याह्न भोजन करने आते हैं और उसके बाद चले जाते है. ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों को एक्शन लेना चाहिए, लेकिन वो अपने कार्यालय में बैठे रहते है. वो कभी किसी स्कूल का निरीक्षण नहीं करते.
लगातार गिर रहा शिक्षा का स्तर
उन्होंने कहा कि यही वजह है कि नवीन जिले में ग्रामीण क्षेत्रो में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता ही जा रहा है. इस मामले पर जनपद सदस्य प्रकाश नारायण ने कहा कि जब से शाला प्रवेश उत्सव हुआ है, उसके बाद से आज तक एक भी शिक्षक स्कूल नहीं आए. बड़गांव कला के सरपंच जीवनलाल का कहना है कि शाला प्रवेश उत्सव के समय शिक्षक यहां थे. उसके बाद एक भी शिक्षक का पता नही है. इसके अलावा यहां जो हॉस्टल है. उसके अधीक्षक का भी पता नहीं रहता है. ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ेंगे.
वहीं जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने कहा कि टीचरों के स्कूल नहीं आने की बात उनके संज्ञान में आई है. इसकी जांच के लिए वहां के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. जांच प्रतिवेदन का इंतजार किया जा रहा है. यदि ये बात सही पाई जाती है, तो अलग से प्रोगाम बनाकर वहां कि शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा. और ऐसे शिक्षक दंडित भी किए जाएंगे.