Chhattisgarh News: मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) के कोटाडोल में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य केन्द्र से आपात स्थिति में संजीवनी एक्सप्रेस एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाती है. तीमारदार खुद के खर्चे पर निजी एंबुलेंस से मरीजों और घायलों को अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं.
सरकार दावा करती है कि संजीवनी एक्सप्रेस की सेवा 108 कॉल करने पर उपलब्ध होती है. लेकिन कोटाडोल क्षेत्र के लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही है. आपात स्थिति में जनकपुर से 108 संजीवनी एक्सप्रेस एम्बुलेंस को बुलाना पड़ता है.
कोटाडोल में नहीं है संजीवनी एम्बुलेंस
मुर्किल, कमर्जी, बड़गांवकला एवं बड़गांव खुर्द केसौड़ा तक पहुंचने में एम्बुलेंस को करीब 65 से 70 किमी की दूरी तय करना पड़ता है. इसलिए लोग आपात स्थिति में खुद के खर्चे से मरीजों को अस्पताल पहुंचाने को विवश हैं. लोगों की परेशानी पर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि का ध्यान अब तक नहीं गया है.
लोगों को स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त करने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. कोटाडोल के स्वास्थ्य केन्द्र में महतारी एक्सप्रेस वाहन मौजूद है. टोल फ्री नंबर 102 डायल कर सुविधा प्राप्त की जा सकती है. लेकिन कोटाडोल स्वास्थ्य केन्द्र को मिली एक्सप्रेस वाहन की सुविधा केवल दिन में मिलती है.
स्वास्थ्य विभाग की कब टूटेगी नींद?
महतारी एक्सप्रेस की सुविधा रात में बंद रहती है. रात में गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर निजी वाहन से अस्पताल ले जाना पड़ता है. लोगों की परेशानी पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन साधे हुए हैं. कोरिया के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने मार्च महीने में एमसीबी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर नई एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की जानकारी दे दी है.
एमसीबी जिले का गठन हुए डेढ़ साल से अधिक का समय बीत गया है. इसके बावजूद मरीजों को रेफर किए जाने की स्थिति में जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर से जाना पड़ता है. आए दिन मनेन्द्रगढ़ के अस्पतालों से मरीजों और घायलों को जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर रेफर किया जा रहा है.
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