Manendragarh: चिरमिरी नगर निगम में भ्रष्टाचार का खुलासा, स्वच्छता वॉल पेंटिंग में छेड़छाड़ कर की गई निकासी
वॉल पेंटिंग्स पर वर्ष 2020 के 0 को मिटाकर 2021 और 2021 के 21 को मिटाकर 2022 कर बिल का भुगतान कर दिया गया. जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रेड्डी ने कलेक्टर से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.
Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur News: स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर चिरमिरी नगर निगम में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष ने कलेक्टर से शिकायत कर भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. नीलम सरोवर के पानी टंकी, निगम कार्यालय परिसर, पार्किंग स्थल, सभाकक्ष और राजस्व शाखा की दीवारों पर "स्वच्छ भारत अभियान" के तहत वॉल राइटिंग की गई थी. वॉल पेंटिंग्स पर वर्ष 2020 के 0 को मिटाकर 2021 और 2021 के 21 को मिटाकर 2022 कर बिल का भुगतान कर दिया गया. जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और नगर पालिक निगम चिरमिरी के पूर्व महापौर के. डोमरू रेड्डी ने आरोप लगाया कि योजनाबद्ध तरीके से लगातार तीन वित्तीय वर्षों 2020, 2021 और अब 2022 में बिल निकालकर बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है.
चिरमिरी नगर निगम में भ्रष्टाचार का खुलासा
पूर्व महापौर का कहना है कि चिरमिरी नगर निगम अधिकारियों के नए नए कारनामों से पार्टी की छवि पर काफी विपरित प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि संबंधित नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए और भुगतानों का ऑडिट कराएं. चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में स्वच्छता वॉल पेंटिंग के नाम पर हुए भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए पूर्व महापौर रेड्डी ने 8 फोटोग्राफ्स और 9 वीडियो भी संलग्न किया है. फोटोग्राफ्स और वीडियो से स्वच्छता वॉल पेंटिंग में छेड़छाड़ पता चलने का उन्होंने दावा किया. 2020 में कराई गई वाल राइटिंग को 2021-2022 की वॉल राइटिंग दिखाकर लगभग 8 लाख रुपए निकाल लिए गए.
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वॉल पेंटिंग में छेड़छाड़ कर की गई निकासी
पूर्व महापौर के खुलासे से चिरमिरी नगर निगम को दिये गए स्वच्छता अवॉर्ड पर भी अब सवाल उठ रहे हैं. चिरमिरी नगर निगम को 15 दिन पूर्व 50 हजार से 1 लाख तक की आबादी वाले शहरों में ईस्ट जोन का प्रथम पुरस्कार मिला था. पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने बताया कि मामला वॉल राइटिंग का है. 2020 की वॉल राइटिंग में 2020 के 0 को मिटाकर बाद में 21 कर दिया गया. 2020 का बिल भी निकाल लिया गया था. 2020 के 0 को हटाकर 1 जोड़ दिया गया, इससे 2021 का बिल हो गया. इसके बाद 2021 में 1 को हटाकर 2 जोड़ दिया गया और 2022 का बिल बना दिया. तीनों वर्षों का अलग अलग बिल निकाल लिया गया है. उन्होंने बताया कि मसले पर कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है, साथ में वॉल राइटिंग के दौरान की सीडी भी दी गई है.