Chhattisgarh News: फिर सुर्खियों में आए विधायक डॉ विनय जायसवाल, डॉक्टर की फर्जी डिग्री लेने का आरोप
Chhattisgarh: ग्राम पंचायत जिल्दा के समाजसेवी विजेंद्र कुमार ने डॉ विनय जायसवाल के डॉक्टर की डिग्री पर फर्जी आरक्षण लेने का आरोप लगाते हुए खडगंवा थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत पत्र सौंपा है.
Bharatpur News: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले के मनेंद्रगढ़ विधानसभा से विधायक डॉ विनय जायसवाल अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहते है. कभी खेत में उतरकर किसानों के साथ हल चलाते दिखते है, तो कभी एसईसीएल के कर्मचारी और सफाई ठेकेदार को उल्टा लटका देने की धमकी देते है. लेकिन इस बार उनसे जुड़ा एक अलग तरह मामला सामने आया है. एक समाजसेवी के आरोप के बाद विधायक डॉ विनय जायसवाल एक बार फिर चर्चा में आ गए है.
डॉक्टर की डिग्री लेने का फर्जी आरोप
दरअसल, एमसीबी जिले के ग्राम पंचायत जिल्दा के समाजसेवी विजेंद्र कुमार ने डॉ विनय जायसवाल के डॉक्टर की डिग्री पर फर्जी आरक्षण लेने का आरोप लगाते हुए खडगंवा थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत पत्र सौंपा है. समाजसेवी विजेंद्र कुमार का कहना है कि मनेंद्रगढ़ विधानसभा के विधायक डॉ विनय जायसवाल अपने मेडिकल की पढ़ाई के दौरान बनिया जाति से कलार जाति में फर्जी तरीके से नाम लिखवा कर डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की है. जिसका मेरे पास प्रमाणित दस्तावेज है.
डिग्री लेने का मामला पुलिस थाने में दर्ज
गौरतलब है कि, इस वर्ष प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है. इसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दांव पेंच खेल रही है. ऐसे में विधायक डॉ जायसवाल पर समाजसेवी द्वारा लगाए आरोप को राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है. हालांकि, विधायक पर फर्जी आरक्षण से डिग्री लेने का मामला पुलिस थाने की दहलीज पर पहुंच गया है. लिहाजा, पुलिस द्वारा मामले की जांच करना जिम्मेदारी है.
डॉ विनय जायसवाल पर लगा आरोप
समाजसेवी विजेंद्र कुमार ने कहा कि, विधायक डॉ विनय जायसवाल ने ओबीसी का प्रमाण-पत्र विधि विरुद्ध तरीके से बनाकर, जो डिग्री प्राप्त की है. वो समाज के लिए अन्याय है. इसी विषय को लेकर थाना में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने आगे बताया कि, विधायक डॉ जायसवाल का एक भाई है विकास जायसवाल जो सचिव के पद पर है. ग्राम पंचायत जिल्दा में पदस्थ थे. तो उनका जाति प्रमाण पत्र को लेकर तहसील कार्यालय खडगंवा में शिकायत किया गया था. तब तहसीलदार ने जांच किया, तो शिकायत सही पाया गया. और यह तथ्य निकलकर आया कि उनके द्वारा बनवाया गया जाति प्रमाण-पत्र गलत है. इस संबंध में डॉ विनय जायसवाल का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया.