छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में नाहड़ी गांव के लोगों ने एक बार फिर नए पुलिस कैंप के विरोध में मोर्चा खोल दिया है. इस कैंप के विरोध में ग्रामीण दो दिवसीय धरना पर बैठ गए हैं. धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं के साथ-साथ बुजुर्ग और युवा भी शामिल हैं. पुलिस कैंप के खुलने से पहले ग्रामीणों ने ग्रामसभा कराने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामसभा से अनुमति मिलने के बाद ही पुलिस कैंप को खुलने दिया जाए. दरअसल, नाहड़ी ग्राम नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इस इलाके में नक्सलियों की अधिकतर गतिविधि रहती है. इसी को देखते हुए दंतेवाड़ा पुलिस प्रशासन यहां नए कैंप की स्थापना करने की तैयारी में है, लेकिन इस कैंप के विरोध में लगभग 7 ग्राम पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए हैं और कैंप का विरोध कर रहे हैं.


क्यों हो रहा है विरोध?
ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में पुलिस कैंप खुलता है तो महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़ेगा. साथ ही नए पुल-पुलिया का निर्माण कर शासन यहां के जल-जंगल और जमीन का दोहन करेंगे. ग्रामीणों के जान-माल को काफी नुकसान पहुचाएंगे. ग्रामीणों ने एक पर्चा भी लिखा है. इस पर्चे में लिखा है कि जिस तरह से बैलाडीला खेलो खदान से ग्रामीणों को काफी नुकसान पहुंचा है. वैसे ही गांव में कैंप स्थापित होने के बाद खदानों से उनके गांव में नुकसान होगा. ऐसे में वे नहीं चाहते हैं कि यहां पुलिस कैंप खुले.


वही, इस मामले में दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से यहां पुलिस कैंप खोलना अति आवश्यक है. ग्रामीणों की सुरक्षा और क्षेत्र के विकास के लिए लगातार पूरे बस्तर संभाग में नए कैंप स्थापित किए जा रहे हैं. एसपी ने कहा कि ग्रामीणों से बातचीत जारी है.



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