जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आजादी के 75 साल बाद भी ग्रामीण अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. जिले के कई ग्रामीण अंचलों में बिजली के अभाव में लोग अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. दरभा ब्लॉक के ऐसे दर्जनों गांव हैं जहां आज भी बिजली के तार नहीं बिछ पाई है जिसके चलते ना ही इन गांव में मोबाइल नेटवर्क है और ना ही बिजली.  बीते 75 वर्षों से ये ग्रामीण अंधेरे में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं । आज एक बार फिर ग्रामीण ने अपनी मांग को लेकर  बस्तर कलेक्टर के पास पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द उनके गांव में बिजली पहुंचाने की मांग की है.


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अंधेरे में जीवन गुजारने को मजबूर ग्रामीण-


ग्रामीणों का कहना है कि नक्सलवाद का दंश झेल रहे उनके गांवों में आज भी ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं । सड़क, पानी के साथ-साथ बिजली की समस्या भी बीते 75 सालों से बनी हुई  हैं, हालांकि कुछ महीने पहले बस्तर कलेक्टर के उनके गांव के दौरे के बाद गांव में बिजली पहुंचने की उम्मीद जरूर जगी थी, लेकिन उसके बाद से प्रशासन ने उनके गांव में कोई काम शुरू नहीं किया है.


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  3 महीने की भीतर पहुंचेगी बिजली -


इधर बस्तर कलेक्टर का कहना है कि यह गांव पहुंचविहीन होने की वजह से अब तक यहां बिजली का कार्य शुरू नहीं हो सका है,  लेकिन जल्द ही वह इसके लिए विद्युत विभाग को आदेशित करेंगे और आने वाले 3 महीनों के भीतर बिजली पहुंचाने का काम इन ग्रामीण अंचलों में किया जाएगा। कलेक्टर ने बताया कि सौर ऊर्जा और बिजली विभाग के माध्यम से बस्तर के ऐसे ग्रामीण अंचल जिन्हें नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहा जाता है उन जगहों पर भी प्रशासन बिजली पहुंचाने का कार्य कर रही है.


ऐसे में अब कुछ ही गांव शेष रह गए हैं और यहां भी जल्द ही बिजली पहुंचाने का काम शासन द्वारा किया जाएगा।  फिलहाल कलेक्टर ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि आने वाले 3 महीने के भीतर गांव में बिजली पहुंचाने का कार्य कर दिया जाएगा, साथ ही गांव की अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए भी उन्होंने दरभा के जनपद सीईओ को निर्देश देने की बात कही है.