(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: मशाल रैली में छात्रों के झुलसने से मचा सियासी बवाल, नाबालिग छात्रों को रैली में शामिल करने पर बीजेपी ने उठाया सवाल
Chhattisgarh Politics: जगदलपुर शहर में मशाल रैली के दौरान छात्रों के घायल होने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है. इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है.
BJP Target Congress In Bastar: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने के विरोध में बीते शुक्रवार की रात बस्तर कांग्रेस कमेटी के द्वारा निकाली गई मशाल रैली के दौरान आग से 6 छात्रों के झुलसने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है और अब इस मामले में बस्तर में सियासी बवाल मचा हुआ है, दरअसल बीजेपी ने आरोप लगाया है कि इस मशाल रैली में जो 6 छात्र आग में बुरी तरह से झुलसे हैं उनमें 3 छात्र नाबालिक हैं और यह सभी छात्र नेहरू छात्रावास में रहकर 9 वीं और ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ाई करते हैं.कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं की कमी पड़ गई इसलिए मशाल रैली में इन नाबालिक बच्चों को शामिल किया गया और यह बच्चे इतनी बड़ी दुर्घटना के शिकार हो गए हैं.
बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया ये बड़ा आरोप
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सत्ता में लीन कांग्रेस कार्यकर्ता और बच्चों में फर्क नहीं जानते, मशाल रैली में भीड़ इकट्ठा करने के उद्देश्य से मासूम बच्चों को भी हाथ में मशाल थमाकर रैली में शामिल किया गया, बुझते हुए मशाल को जलाते वक्त जो बच्चे आग में झूलसे हैं वह सभी बच्चे शहर के नेहरू छात्रावास में रहकर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र हैं.
कुछ बच्चे नौवीं कक्षा में हैं और कुछ 11वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं. कांग्रेसियों ने इन बच्चों को अपने रैली में शामिल किया और यह बच्चे दुर्घटना के शिकार हो गए. केदार कश्यप ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेसियों के पास कार्यकर्ताओं की कमी पड़ गई है इसलिए नाबालिक बच्चों को इस तरह रैली में शामिल किया गया, इनमें दो बच्चों को रायपुर रिफर किया गया है जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है, केदार कश्यप ने कहा कि इस लापरवाही के लिए कांग्रेसियों को सरेआम माफी मांगनी चाहिए और खासकर उन बच्चों के माता-पिता से माफी मांगनी चाहिए.
ऐसी परिस्थिति में राजनीति करना ठीक नहीं
वहीं बीजेपी के प्रवक्ता केदार कश्यप के बयान पर पलटवार करते हुए बस्तर के सांसद दीपक बैज का कहना है कि मशाल जलाते वक्त जो छात्र आग में झुलसे हैं. वह एनएसयूआई के छात्र हैं और छात्र रहने के दौरान ही सभी राजनीति में जुड़ते हैं, सांसद ने कहा कि मैंने खुद अपनी राजनीति छात्रावास से शुरू की थी. निश्चित तौर पर इस दुर्घटना से कांग्रेसियों में भी काफी चिंता है, और आग में झुलसे घायल छात्रों की हर संभव मदद की जा रही है, और इनका बेहतर इलाज किया जा रहा है, सांसद ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में केदार कश्यप को राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि उन घायल बच्चों के लिए संवेदनाएं प्रकट करनी चाहिए.
क्या था मामला
दरअसल बीते शुक्रवार की देर शाम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर जिला मुख्यालय जगदलपुर में भी कांग्रेस कमेटी ने शहर के कांग्रेस भवन से अमर शहीद जवान चौक तक मशाल रैली निकाला और इस कार्यक्रम में जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजीव शर्मा चित्रकोट के विधायक राजमन बेंजाम, महापौर सफिरा साहू और कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ बड़ी संख्या में यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के छात्र भी मौजूद थे और इन्हीं छात्रों में लगभग 10 से ज्यादा छात्रों को नेहरू छात्रावास से मशाल रैली में शामिल किया गया था और इनमें से 6 छात्र बुझे हुए मशाल को जलाते वक्त दुर्घटना के शिकार हुए.
आग ने 6 बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें 2 छात्र बुरी तरह से आग से झुलस गए और दोनों को रायपुर रिफर किया गया है जबकि 4 बच्चों का इलाज जगदलपुर के महारानी अस्पताल में चल रहा है, हालांकि उनकी हालत में अब सुधार आने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि इन बच्चों में 9वी और 11वीं कक्षा के छात्र हैं.
वहीं इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अब आदिवासी विभाग के अधिकारी भी इन बच्चों का बयान ले रहे हैं, कि आखिर किसकी अनुमति से इन छात्रों का इस्तेमाल रैली में किया गया, जानकारी यह भी मिल रही है कि इसमें नाबालिग छात्र धनेश्वर बघेल की 9वीं कक्षा का पेपर आईटी व्यवसायिक मिस हो गया है उसे बीते शनिवार को इस परीक्षा में शामिल होना था, लेकिन उसका पूरा साल का नुकसान हो गया है. वहीं अन्य 2 नाबालिग छात्र पोस्ट मैट्रिक के छात्र हैं.
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