Chhattisgarh Rain Alert: छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश (rain Alert) हो रही है. राज्य के लगभग सभी जिलों में मौसम विभाग (Meteorological Department) ने बारिश रिकॉर्ड की है. कई जिले में जलभराव की नौबत आ गई है. लेकिन बारिश से लोगों को अभी राहत मिलने वाली नहीं है. क्योंकि इसके बाद अब मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और साथ साथ इसके बाद कई इलाकों में बाढ़ (Flood alert) के खतरे को लेकर भी मौसम विभाग ने चेतावनी दी है. रेड अलर्ट (Red Alert) में उत्तर छत्तीसगढ़ के जिलों में ज्यादा प्रभाव पड़ेगा.
अगले 24 घंटे के लिए मौसम विभाग का रेड अलर्ट
दरअसल, रायपुर मौसम विभाग ने 3 और 4 अगस्त के लिए मध्य छत्तीसगढ़ और उत्तर छत्तीसगढ़ के जिलों के अलर्ट जारी किया है. अगले 24 घंटे के लिए रायगढ़, कोरबा, सरगुजा अति भारी बारिश की चेतावनी जारी किया गया है. इसके अलावा कोरिया, सुरजपुर, जशपुर, बलरामपुर, पेंड्रा, बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर चांपा, रायपुर और बलौदाबाजार जिले में अतिभारी बारिश होने की चेतावनी है. वहीं दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम, महासमुंद और राजनांदगांव जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है.
इन जिलों में सबसे बारिश रिकॉर्ड हुई
रायपुर मौसम विभाग ने लगातार हो रही बारिश को लेकर आंकड़े जारी किए है. इसके अनुसार राजनांदगांव को छोड़कर सभी जिले में तेज बारिश दिनभर हुई है. बलरामपुर में सबसे अधिक 180 एमएम बारिश हुई है. इसके अलावा सरगुजा में 90, सुरजपुर 88.8, महासमुंद 88. कोरिया 66. 2 और रायपुर में 66.1 एमएम बारिश हुई है. वहीं सूरजपुर में 96 MM बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसके चलते छत्तीसगढ़ के प्रमुख नदियों में जलस्तर बढ़ने की संभावना है. इसका असर भी गुरुवार को दिख सकता है.
इस लिए हो रही छत्तीसगढ़ में तेज बारिश
रायपुर मौसम विभाग के वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने कहा कि गंगेटिक पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित एक गहरा अवदाब पश्चिम-उत्तर- पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए 19 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गंगेटिक पश्चिम बंगाल और उससे लगे झारखंड के ऊपर पुरुलिया के निकट स्थित है. यह जमशेदपुर से उत्तर- उत्तर-पूर्व दिशा में 100 किलोमीटर दूर और रांची से पूर्व दिशा में 100 किलोमीटर दूर स्थित है. इसके पश्चिम- उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए कमजोर होकर अवदाब के रूप में अगले 12 घंटे में झारखंड को पार करने की संभावना है. इस लिए अगले 24 घंटे में चिन्हित निम्न दाब के क्षेत्र के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है. इसका असर छत्तीसगढ़ में भी दिखने वाला है और सरगुजा और बिलासपुर संभाग में इसका सबसे ज्यादा असर दिखेगा.