Chhattisgarh Miss Transqueen Pihu Nirmalker Struggle Story: छत्तीसगढ़ की मिस ट्रांस क्वीन आम लड़की की तरह जिंदगी जीने के लिए मजबूर है. ट्रांसजेंडर होने की वजह से डर है कि मकान मालिक घर ना खाली करवा दे. शहरों में आसानी से मकान नहीं मिलता है. मकान मालिक को मेरे ट्रांसजेंडर का पता चलने के बाद कमरा खाली करना पड़ेगा. अभी मकान मालिक को कुछ नहीं पता है. आइकॉन ऑफ छत्तीसगढ़ का खिताब जीतने वाली पीहू निर्मलकर ने दर्द बयां किया. 


छत्तीसगढ़ की मिस ट्रांस क्वीन की दर्द भरी कहानी


कुछ दिन पहले आइकॉन ऑफ छत्तीसगढ़ के लिए रायपुर में मॉडलिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. भिलाई की ट्रांसजेंडर पीहू निर्मलकर ने टैलेंट से आइकॉन ऑफ छत्तीसगढ़ का खिताब जीत लिया. खिताब जीतने के लिए पीहू निर्मलकर को कड़ा संघर्ष करना पड़ा है. 




ट्रांसजेंडर पीहू कैसे बनी आइकॉन ऑफ छत्तीसगढ़


रायपुर के आउटर साइड में पीहू निर्मलकर किराए पर रहती हैं. कमरे के अगल बगल मजदूर रहते हैं. पीहू निर्मलकर मजदूरों को परिवार मानकर रह रही है. छत्तीसगढ़ की मिस ट्रांस क्वीन के कमरे को देखकर आप हैरान हो जाएंगे. छोटे से कमरे में पीहू का किचन ही बेडरूम है. 


छोटे से कमरे में रहने को मजबूर है मिस ट्रांस क्वीन


कमरे का किराया हर महीने 3 हजार रुपए है. खाना बनानेवाली जगह पर पीहू को रात में सोना पड़ता है. दिनभर होटल के रिसेप्शन पर काम करती है. 10 हजार रुपए की पगार में 3 हजार किराया और बिजली बिल में निकल जाता है. बाकी दाल, चावल, सब्जी, गैस और जरूरी सामान खरीदने में खत्म हो जाता है. ड्रेस सिलने के लिए एक सिलाई मशीन भी पीहू ने कमरे में रखा है.


पैसे बचाने के लिए पीहू ने सिलाई का काम सीखा


सिलाई मशीन सीखने के पीछे भी पीहू की रुलाने वाली कहानी है. पीहू की उम्र 15 साल की थी. बड़ी बहन सिलाई मशीन सीखने जाती थी. बड़ी बहन की शादी होने के बाद ट्रेनिंग की जमा रकम से पीहू ने मशीन चलाना सीखा. अब पीहू महिलाओं के कपड़े और लड़कों के पैंट शर्ट भी बना लेती है. आइकॉन ऑफ छत्तीसगढ़ प्रतियोगिता में शिरकत के लिए पीहू ने खुद सिलकर ड्रेस तैयार किया था. पीहू ने एबीपी न्यूज को बताया कि घरवाले सिलाई सीखने से माना करते थे. परिवार वाले ट्रांसजेंडर होने का ताना देते थे. तल्ख टिप्पणी को बर्दाश्त कर मन में कुछ करने की इच्छा थी. सिलाई मशीन सीखने के बाद कबड्डी खेलने जाती थी. 


पीहू ने बताया ट्रांसजेंडर के साथ कैसा होता है बर्ताव


12 वीं तक की पढ़ाई करना भी पीहू के लिए आसान नहीं था. स्कूल में सब अलग तरीके से बात करते थे. पीहू ने स्कूल नाखून में पॉलिश लगाकर जाती थी. लड़कियों की तरह बाल भी बनाने पड़ते थे. घर वाले ज्यादा कुछ नहीं बोलते थे. बाहर वाले बहुत चुगली करते थे. बहुत सारे लोगों को जलन होती थी. मैं कहती मुझसे जलने के बजाए बराबरी करो.


पीहू को साउथ इंडियन स्टार अल्लू अर्जुन पसंद बहुत पसंद है. अल्लू अर्जुन की एक्टिंग और पुष्पा फिल्म की पीहू ने सराहना की. पीहू ने बताया कि ट्रांसजेंडर को एक्टिंग सीखने की जरूरत नहीं होती है. बचपन से सीखते रहते हैं. पीहू की इच्छा छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की है. छत्तीसगढ़ के लोगों से समर्थन की अपील की है. पीहू को पहले मॉडलिंग में बहुत स्कैम लगता था. अब आइकॉन ऑफ छत्तीसगढ़ बनने पर अच्छा लगता है.


ता-पिता का घर छोड़ने पर पीहू ने बताया परिवार वाले कहीं जाने नहीं देते थे. आजादी से घर पर रहना मुश्किल हो गया था. मोहल्ले की घटना का आरोप मुझ पर लगा दिया जाता था. आशिक भी आए दिन परेशान करता था. उसने एकतरफा प्रेम की बात को स्वीकार किया. ट्रांसजेंड्रर के साथ बर्ताव पर पीहू को पुलिस से शिकायत है. उसका कहना है कि सही होने के बावजूद ट्रांसजेंड्रर को गलत समझा जाता है.


आम इंसान से ज्यादा ट्रांसजेंडर को संघर्ष करना पड़ता है. पिछले 10 साल से पीहू को रायपुर में दर दर भटकना पड़ रहा है. पीहू आज आइकॉन ऑफ छत्तीसगढ़ बनने से खुश है. उसे उम्मीद है की माता-पिता दोबारा घर बुला लेंगे. पीहू ने बताया कि पापा की उम्र ज्यादा हो गई है. घर से किसी का फोन नहीं आता है. पापा की बहुत याद आती है. पीहू ने आशियाने का सपना साकार करने के लिए एक प्लॉट खरीदा है. 


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