Chhattisgarh: मध्य प्रदेश के मिट्टी के बर्तनों से सजा छत्तीसगढ़ का बाजार, जानें गर्मी में इनकी डिमांड पर क्या कहते हैं व्यापारी?
फ्रिज में रखा पेयजल शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन मिट्टी के बर्तन का शीतल जल स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है. यही कारण है कि कई लोग गर्मी के दिनों में मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते हैं.
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आज के दौर में फ्रिज का महत्व बढ़ गया है. खासकर गर्मी के मौसम में शीतल पेय के लिए लोग फ्रिज का उपयोग करते हैं. इसके बावजूद आज भी परंपरागत मिट्टी के बर्तनों का काफी महत्व है और इसकी मांग गर्मी में बढ़ जाती है. यही कारण है कि गर्मी के मौसम में मिट्टी के घड़े एवं सुराही की मांग सबसे ज्यादा रहती है. स्थानीय स्तर के कुंभकारों के अलावा दूसरे शहर से भी घड़े के व्यापारी शहरों में पहुंच कर घड़े को बेचते हैं. इस सीजन में ग्रामीण क्षेत्रो में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी मिट्टी के घड़े की जमकर मांग रहती है. यही कारण है कि गर्मी के सीजन में मिट्टी के घड़े का व्यापार जमकर चलता है.
कोरिया जिले के बैकुंठपुर शहर में वैसे तो कई दिनों पूर्व से गर्मी की शुरुआत होने के साथ ही स्थानीय स्तर के व्यापारी मिट्टी के घड़े का विक्रय साप्ताहिक बाजार दिवस को करते है, लेकिन हाल में मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के चंदिया के व्यापारी भी बड़ी संख्या में घड़े व सुराही लेकर शहर में पहुंच कर विक्रय कर रहे हैं. चंदिया मध्य प्रदेश से आए घड़े के व्यापारी अनिल ने बताया कि वे शहर में विगत कई वर्षो से आकर गर्मी के दिनों में घड़े का व्यापार करते आ रहे है और इस वर्ष भी बड़ी संख्या में मिट्टी के घडे, सुराही लेकर व्यापार करने पहुंचे है. उन्होंने बताया कि गर्मी के सीजन में यहाँ बीते कई सालो से आकर व्यापार करते हैं. सीजन में अच्छी आय भी प्राप्त कर लेते है.
मिट्टी का घड़ा और बोतल भी बिक रहा
चंदिया के व्यापारी के द्वारा कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर शहर में आकर मिट्टी के घड़े को विक्रय कर ही रहे है इसके अलावा मिट्टी के बोतल भी बिक रहा है. चंदिया से आए व्यापारी अनिल ने बताया कि उनके पास मिट्टी का घड़ा 150 रूपये, चुकिया 50 रूपये, मिट्टी का बॉटल 100 रूपये तथा मिट्टी का देक्ची 60 रूपये में विक्रय किया जा रहा है.
स्वास्थ्य को किसी प्रकार प्रभावित नहीं करता
फ्रिज का रखा पेयजल शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन मिट्टी के बर्तन का शीतल जल स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है. यही कारण है कि कई ऐसे भी लोग है जिनके घरों में फ्रिज है. इसके बावजूद मिट्टी के बर्तन का पानी पेयजल के लिए उपयोग करते हैं जो गले को तर करता है, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचा. साथ ही मिट्टी के घड़े का सौंधी खुशबू भी रहती है. ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर लोग गर्मी के दिनों में शीतल जल के लिए मिट्टी के घड़े का उपयोग करते है. इसके अलावा शहरी क्षेत्रों के बहुतायत लोग भी घड़ा शीतल जल के लिए खरीदी करते है.
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