Rainy Season Children Diseases: बस्तर में बरसात आने के साथ ही डेंगू और मलेरिया ने जमकर कहर बरपा रखा है. खासकर डेंगू से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब तक बस्तर जिले में डेंगू से 4 लोगों की मौत हो चुकी है, साथ ही मलेरिया से संक्रमित मरीज भी लगातार जांच के दौरान मिल रहे हैं. अब जापानी बुखार ने भी बस्तर में दस्तक दे दी है और कुछ बच्चों में बीमारी के लक्षण देखने को मिले हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में छूटे हुए बच्चों को लगातार जेई का टीका लगाया जा रहा है और अभी तक जेई से किसी की मौत की जानकारी नहीं मिली है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम को अलर्ट किया गया है और घर घर पहुंच कर बच्चों को जेई का टीका लगाने के सख्त निर्देश दिए जा रहे हैं.


छूटे हुए बच्चों को लगाए जा रहे जेई के टीके


बस्तर में बीते कई वर्षों के बाद इस साल डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है और हर रोज करीब 30 से 40 मरीज डेंगू पॉजिटिव निकल रहे हैं. अब तक जिले में डेंगू से संक्रमित 4 बच्चों की मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार दवा का छिड़काव करने के साथ ही बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चला रही है. अब जापानी बुखार की दस्तक के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. बताया जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में जेई से संक्रमित कुछ बच्चों के मिलने की पुष्टि हुई है. जेई संक्रमित बच्चों का इलाज जारी है और फिलहाल सब की स्थिति सामान्य बनी हुई है.


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जापानी बुखार के लक्षण और बचाव के तरीके


मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर के चतुर्वेदी ने कहा कि जापानी इंसेफेलाइटिस में बुखार होने पर बच्चे की सोचने समझने और सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है और तेज बुखार के साथ बार बार उल्टी होती है. जेई का वायरस 1 से 15 साल की उम्र के बच्चों को गिरफ्त में लेता है. ऐसे में रोकथाम और बचाव के लिए जिले में छोटे बच्चों को जेई के टीके लगाए जा रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि टीकाकरण अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मस्तिष्क ज्वर से सुरक्षित करना है. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जापानी बुखार के मुख्य लक्षण तेज बुखार, गर्दन में अकड़न ,सिर दर्द, घबराहट, ठंड के साथ कंपकपी है. लक्षण दिखाई देने पर फौरन स्वास्थ्य केंद्र पहुंच डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. फिलहाल अभी जिले में जापानी बुखार की स्थिति सामान्य बनी हुई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम जापानी बुखार से बचाव के लिए लगातार जागरूकता अभियान भी चला रही है.


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