बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड, SIT ने दाखिल की 1000 पन्नों की चार्जशीट, 72 गवाह बनाए गए
Bijapur Murder: बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 72 लोगों को गवाह बनाया गया है और चार आरोपियों को नामजद किया गया है.

Mukesh Chandrakar Murder Case: बहुचर्चित पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में आज (18 मार्च) SIT चार्जशीट पेश करने जा रही है. जांच टीम ने इस मामले में 1000 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट तैयार की है, जिसमें 72 लोगों को गवाह बनाया गया है.
इस हत्याकांड में अब तक चार आरोपियों – सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया जा चुका है. सभी आरोपी इस समय जेल में बंद हैं. SIT की जांच में खुलासा हुआ कि हत्या की साजिश का मुख्य मास्टरमाइंड सुरेश चंद्राकर था.
क्यों की गई मुकेश चंद्राकर की हत्या?
दि इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस हत्या का मुख्य कारण मुकेश चंद्राकर द्वारा सुरेश चंद्राकर के घटिया सड़क निर्माण कार्य को उजागर करना था. पुलिस के अनुसार, 1 जनवरी 2025 को मुकेश की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. 3 जनवरी को उसके भाई ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद जांच शुरू की गई.
जांच के दौरान पुलिस ने सुरेश की प्रॉपर्टी में बने सेप्टिक टैंक से मुकेश का शव बरामद किया. इस मामले में सुरेश चंद्राकर, उसके भाई रितेश चंद्राकर, कर्मचारी महेंद्र रामटेके और सहयोगी दिनेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया है. सभी चारों आरोपी इस समय जेल में हैं.
हत्या कर के कंक्रीट से ढका सेप्टिक टैंक
पुलिस जांच में पता चला कि मृतक के भाई सुरेश चंद्राकर ने ही हत्या की साजिश रची थी. उसके भाई रितेश और कर्मचारी महेंद्र रामटेके ने मिलकर मुकेश की बेरहमी से हत्या की. लोहे की रॉड से पीटकर उसे मौत के घाट उतारा गया और शव को सेप्टिक टैंक में डालकर उसे कंक्रीट से ढक दिया गया. घटनास्थल की तलाशी में सेप्टिक टैंक पर हाल ही में डाला गया कंक्रीट पर पुलिस को शक हुआ और जब उसे हटाया गया तो शव बरामद हुआ.
हत्या की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डेटा रिकॉर्ड और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण किया है. इस मामले में कुल 72 गवाह बनाए गए हैं, जो अदालत में आरोपियों के खिलाफ गवाही देंगे.
अब देखने वाली बात होगी कि कोर्ट में इस चार्जशीट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होती है और न्याय प्रक्रिया कितनी तेजी से आगे बढ़ती है.
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