Youth Meet CM Bhupesh Bhaghel: छत्तीसगढ़ का रहने वाला मुरलीधर यादव जीवन में कई समस्याओं से होकर गुजर रहा है. समस्याओं के समाधान के लिए उनसे सीएम से मिलने की इच्छा जताई थी जिस पर कई लोग हंस पड़े. हालांकि सच्चाई ये है कि मुरलीधर ने सीएम से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई. जिसकर उसे सीएम ने अधिकारियों को मुरलीधर की मदद करने के निर्देश भी दिए हैं. 


मेरा नाम मुरलीधर यादव है. मैं पत्थलगांव के एक छोटे से गांव बगईझरिया का रहने वाला हूं. आय का कोई साधन नहीं है. ना खेत है ना व्यापार और न ही रोजगार का कोई जरिया है. परिवार की चिंता, घर में भाई बहनों में सबसे बड़ा हूं. मेरे कंधे पर मां बाप के अलावा भाई-बहनों की जिम्मेदारी भी है. किसी तरह मैंने बीएससी तो कर लिया लेकिन आगे क्या करूं क्या ना करू समझ नहीं आ रहा था. जमीन विवाद से हमारे घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से डगमगा गई थी. फिर मैंने तय किया कि मैं राज्य के सीएम भूपेश बघेल से मिलूंगा. 




लिफ्ट लेकर सीएम हाउस पहुंचा


मुरलीधर यादव ने कहा -'मैंने ठान लिया था कि मैं सीएम भूपेश बघेल से मिलूंगा और अपनी सारी समस्या बताऊंगा. लेकिन मन में फिर एक सवाल आया कि क्या मेरे जैसे छोटे इंसान से सीएम मिलेंगे. मैंने कुछ लोगों से सीएम से मिलने की बात की तो लोग हंस दिए और लोगों ने यह भी कहा कि तुझसे मुख्यमंत्री क्यों मिलेंगे. इसी बीच किसी ने बताया कि भिलाई-3 हाउस में जाओ वहां कैंप लगता है. मैंने इंटरनेट में सीएम हाउस सर्च किया और बस से रायगढ़ आया, वहां से ट्रेन पकड़ी. पावर हाउस स्टेशन पर उतरा पैसे नहीं थे तो लोगों से लिफ्ट मांगकर भिलाई-3 सीएम हाउस पहुंचा. 


मेरी समस्या सुनकर ओएसडी के आंखों में आए आंसू


सीएम हाउस पहुंचने पर मुझे पुलिस ने रोक लिया. पुलिस को लोगों ने मुझसे पूछा क्या काम है तो मैंने कहा -'मुझे सीएम सर से मिलना है तो पुलिस के जवानों ने कहा 'सीएम सर तो नहीं हैं. लेकिन वहां पर अधिकारी बैठे हुए हैं आप उनसे जाकर मिल लीजिए. मैं अंदर गया तो मेरी मुलाकात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ओएसडी मनीष बंछोर से हुई. उन्होंने मुझसे पूछा बताइए क्या समस्या है मैंने उनको अपने परिवारिक और आर्थिक समस्या के बारे में बताने लगा और मैं रोने लगा, मेरी परेशानियों को सुनकर मनीष बंछोर के आंखों में भी पानी आ गया. उन्होंने कहा चलो उठो मैं तुम्हें अभी सीएम सर से मिलवाता हूं.


मैं बड़ी कार से पाटन पहुंचा और सीएम से हुई मुलाकात


मुरलीधर यादव ने कहा- ''मनीष बंछोर ने मुझे अपनी बड़ी कार में बैठाया और पाटन लेकर पहुंचे. वहां सीएम भूपेश बघेल कुर्मी समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. मुझे मनीष बंछोर पाटन के रेस्ट हाउस ले गए और मुझे खाना खिलाया. फिर थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रेस्ट हाउस आए और उन्होंने मुझसे समस्या पूछी -मैंने उनको बताया कि मैं पत्थलगांव के एक छोटे से गांव से आया हूं और मेरी स्थिति बहुत खराब है. परिवार की जिम्मेदारी बढ़ गई है.''


मुरलीधर यादव ने कहा- ''जमीन विवाद के कारण हम लोग की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है. कुछ मदद करिए. सीएम भूपेश बघेल ने बहुत ही गंभीरता से मेरी बात सुनी और अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द उनकी समस्याओं को दूर किया जाए.  साथ ही मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि आपकी समस्या दूर करने में हम आपकी कोशिश जरूर करेंगे.''


सीएम भूपेश बघेल और मुक्तेश्वरी बघेल से हुई मुलाकात


मुरलीधर यादव ने कहा- ''सीएम साहब से मुलाकात होने के बाद मुझे बहुत अच्छा लगा और उन्होंने जो आश्वासन दिया उससे मैं काफी उत्साह महसूस कर रहा था. मनीष बंछोर ने मुझे अपनी कार से सीएम हाउस वापस लेकर पहुंचे मैंने सीएम हाउस जैसे ही पहुंचा मुझे सीएम मैडम (मुक्तेश्वरी बघेल, सीएम भूपेश बघेल की पत्नी) और उनके बेटे चैतन्य बघेल ने मुझे घर के अंदर बुलाया और एक गार्जियन की तरह बैठाकर मुझसे सारी समस्या पूछी और मेरा हौसला अफजाई की और कहा कि आप हिम्मत मत हारना सब अच्छा होगा.''


मुरलीधर यादव ने कहा- ''सीएम मैडम ने मेरे घर वापस जाने का पूरा इंतजाम कर दिया. सीएम मैडम की बेटी ने मुझे सफर के दौरान खाने पीने का भी सामान दिया. यह सब मैं देख कर बहुत खुश हुआ. मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं प्रदेश के सीएम से मिला बल्कि मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मैं एक परिवार से मिल रहा हूं जो मेरी मदद करने के लिए हर तरफ से कोशिश कर रहे हैं.''


ओएसडी मनीष बंछोर ने मेरा अंत तक साथ दिया


मुरलीधर यादव ने कहा- ''अब मैं वापस घर लौटने वाला था. मुख्यमंत्री के ओएसडी मनीष बंछोर ने मेरा पूरा इंतजाम किया रात में घर जाने के लिए बस टिकट बुक करवाया. साथ ही खुद मेरे साथ आकर उस बस में चढ़ा कर पूरी सुविधा दी. साथ ही बस वाले को कहा कि इनका थोड़ा अच्छे से ख्याल रखना. मनीष बंछोर ने मेरी सबसे ज्यादा मदद की. उन्होंने मेरे दर्द को समझा और खुद सीएम हाउस से लेकर सीएम के मिलने और उनके परिवार से मिलने तक और घर छोड़ने तक मेरे साथ रहे.''


सीएम से मिलने के बाद कलेक्टर ने मुझे बुलाया 


मुरलीधर यादव ने कहा- ''मैं अब अपने घर पहुंच चुका था. मुझे अगले दिन जशपुर कलेक्टर के कार्यालय से फोन आया और मुझे बुलाया गया मैंने जशपुर कलेक्टर से मुलाकात की. कलेक्टर से मुलाकात करने के बाद मैंने सारी समस्या बताया. मुझे एहसास हो गया था कि यह सब सीएम से मिलने के बाद सारी प्रक्रिया हो रही है. इसके बाद कलेक्टर को मैंने सारी समस्या से अवगत करवाया. कलेक्टर ने मुझे कहा कि आप एक आवेदन बनाकर हमें दे दो और हम आपकी हर तरह से मदद करेंगे.''


एबीपी न्यूज़ से मुरलीधर ने कहा -मेरी सबसे बड़ी समस्या मेरी जमीन को वापस दिलाना है


मुरलीधर यादव ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि कलेक्टर से मुलाकात के बाद मुझे आवेदन देने को कहा गया है. मैं आवेदन लिखकर दे रहा हूं. मेरी सबसे बड़ी समस्या जमीन विवाद है. जो सालों से चल रही है. जिसकी वजह से मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है. मैंने कलेक्टर साहब से अनुरोध किया है कि जमीन विवाद कि जो समस्या चल रही है उसका समाधान कर दे. मुरलीधर ने बताया कि उनकी जमीन को किसी ने हड़प लिया है. और उन्हें नहीं दिया जा रहा है. जिसकी वजह से परिवार काफी परेशान है और घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से डगमगा गई है.


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