Raipur News: राजनांदगांव-छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में स्थित एशिया के सबसे बड़े संगीत विश्वविद्यालय की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ के 3 जिलों में संगीत महाविद्यालय बनाए जाएंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संस्कृति विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है. मुख्यमंत्री ने यह फैसला अपने निवास पर समीक्षा बैठक के दौरान लिया. अब संस्कृति विभाग प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है.



कौन-कौनसे जिलों में बनेगा महाविद्यालय


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की तर्ज पर बस्तर, सरगुजा और रायपुर में लोककला एवं संस्कृति महाविद्यालय शुरू करने का प्रस्ताव तैयार करने  के लिए  संस्कृति विभाग को निर्देश दिए हैं. इसके बाद से संस्कृति विभाग के अधिकारी प्रस्ताव बनने में जुट गए हैं.


लोककला और संस्कृति को बढ़ावा देने का उद्देश्य


मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महाविद्यालयों के शुरू होने से बस्तर और सरगुजा अंचल की लोककला और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक का एक सेंटर छत्तीसगढ़ में शुरू करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में समीक्षा बैठकों के क्रम में पर्यटन एवं संस्कृति विभागों के काम-काज की भी समीक्षा की.


क्या है खैरागढ़ विश्वविद्यालय की खासियत


खैरागढ़ का इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय एशिया के उन कुछ चुनिंदा संस्थानों में से है जो संगीत और कला को पूरी तरह समर्पित है. यह एशिया का पहला ऐसा संस्थान है. जो कला और संगीत में उच्च शिक्षा देने हेतु स्थापित किया गया. खैरागढ़ आजादी से पहले एक छोटी-सी स्वतंत्र रियासत हुआ करती थी. जहां के राजा बीरेंद्र बहादुर सिंह और रानी पद्मावती ने ही 1956 में इस विश्वविद्यालय की नींव रखी थी. इसकी स्थापना के लिए उन्होंने अपना राजभवन दान किया था. आज भी विश्वविद्यालय का कामकाज इसी भवन में होता है.


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