Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर (Narayanpur) में धर्मांतरण (Religious conversion) को लेकर दो समुदाय के बीच मारपीट के बाद उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, सोमवार को सर्व आदिवासी समाज द्वारा बुलाए गए नारायणपुर बंद के दौरान चर्च में तोड़फोड़ और विशेष समुदाय के लोगों के साथ मारपीट के बाद हमलावरों द्वारा नारायणपुर एसपी के सिर पर घातक हमला और जवानों से मारपीट की गई.


इसके बाद पुलिस (Narayanpur Police) ने एक्शन मोड पर आते हुए मारपीट के मामले में कुल 5 लोगों को सोमवार की देर रात हिरासत में ले लिया और मंगलवार को शाम कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया. पुलिस ने जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया है उसमें बीजेपी (BJP) के जिला अध्यक्ष रूपसाय सलाम और बीजेपी के अन्य 4 कार्यकर्ता शामिल हैं. 


धरने पर बैठे बीजेपी नेता
इधर इस मामले में बीजेपी के लोगों की गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार शाम से ही जमकर बवाल मचा हुआ है. दरअसल इस पूरे मामले की जांच के लिए बीजेपी ने 6 सदस्यों का दल गठित किया है. यह 6 सदस्यों का दल रायपुर से नारायणपुर के लिए निकला था, लेकिन नारायणपुर से लगभग 20 किलोमीटर पहले ही बैनुर थाना में बीजेपी के सभी बड़े नेताओं के काफिले को पुलिस द्वारा रोक लिया गया. इससे नाराज बीजेपी नेता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए.


इसके बाद मौके पर पहुंचे नारायणपुर एसपी और कलेक्टर ने बीजेपी नेताओं को समझाने की कोशिश की और वापस लौट जाने को कहा, लेकिन बीजेपी के सभी नेता अपनी मांग पर अड़े रहे. धरना प्रदर्शन कर रहे बीजेपी नेताओं में पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, राजनांदगांव सांसद और बस्तर प्रभारी संतोष पांडे समेत कांकेर के सांसद मनोज मंडावी, शिवरतन शर्मा भी शामिल हैं. 


बीजेपी नेताओं का आरोप


धरने पर बैठे बीजेपी नेताओं का कहना है कि उन्हें नारायणपुर जाने नहीं दिया जा रहा है और इस पूरे मामले में पुलिस एक तरफा कार्यवाही कर रही है, बीजेपी और मूल आदिवासी जनजाति के लोगों को ही हिरासत में ले रही है, जबकि विशेष समुदाय के लोगों पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. उनका कहना है कि पिछले कुछ समय से बस्तर में लगातार धर्मांतरण हो रहा है और कुछ बाहरी मिशनरी लोगों की वजह से आदिवासी ही आदिवासियों के दुश्मन बन रहे हैं, लेकिन इस मामले में पुलिस व राज्य सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर रही है और मूल धर्म के आदिवासियों के साथ बीजेपी के लोगों को गिरफ्तार कर रही है.


बीजेपी प्रवक्ता का आरोप


बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप का कहना है कि, बस्तर में लगातार धर्मांतरण बढ़ रहा है और गिरीजाघरों की संख्या बढ़ रही है, कांग्रेस सरकार के 4 साल के कार्यकाल में तेजी से बस्तर में धर्मांतरण बढ़ा है. खुद राज्य सरकार मिशनरी लोगों को श्रेय दे रही है, आदिवासियों को आदिवासियों के खिलाफ ही लड़ा रही है. केदार कश्यप ने कहा कि सोची-समझी रणनीति के तहत मूल धर्म के आदिवासियों के ऊपर पुलिस कार्रवाई कर रही है, साथ ही बीजेपी के लोगों को अपना निशाना बना रही है, जबकि मिशनरी लोगों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.


केदार कश्यप ने कहा कि पुलिस बीजेपी के डेलिगेशन को नारायणपुर जाने नहीं दे रही है और बेनूर थाना में ही बैठाकर पिछले कई घंटों से रखी हुई है. इसके अलावा केदार कश्यप ने यह भी कहा कि कांग्रेस की तरफ से कभी यह बयान सामने नहीं आया है कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण रुकना चाहिए. कांग्रेस के नेता बकायदा ईसाई मिशनरी के हर कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचते हैं, कांग्रेस के सभी नेता यहां तक कि प्रदेश के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक भी ईसाई मिशनरियों को श्रय प्रदान करते हैं, इस वजह से उनके हौसले बुलंद हैं.


मिशनरी लोगों ने की तोड़फोड़-कश्यप


केदार कश्यप ने यह भी कहा कि चर्च में जो तोड़फोड़ की गई है और कुछ घरों में जो तोड़फोड़ किया गया है वह नारायणपुर के मूल धर्म के आदिवासियों ने नहीं बल्कि कुछ संदिग्ध लोगों ने किया और यह संदिग्ध लोग भी मिशनरी के ही लोग हैं जो नारायणपुर और पूरे बस्तर में धर्मांतरण को लेकर अराजकता फैलाने का काम कर रहे हैं. मिशनरी के लोग बस्तर में घुसकर आदिवासियों को आदिवासियों से लड़ाने का काम कर रहे हैं. केदार कश्यप ने कहा कि आदिवासी समाज को भगाकर क्या ईसाई धर्म के लोग यहां राज करेंगे. बस्तर में ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने दिया जाएगा.


Chhattisgarh News: धर्मांतरण मामले में गिरफ्तारी के बाद नारायणपुर में फिर बिगड़े हालात, आदिवासियों ने किया चक्काजाम