छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक बार फिर सड़क और पुलिस कैंप के विरोध में हजारों आदिवासी ग्रामीण सड़क पर उतर गए हैं, और नारायणपुर- ओरछा मार्ग पूरी तरह से जाम कर दिया है. अपने 2 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 2 दिनों से हजारों की संख्या में आदिवासी ग्रामीण कड़कड़ाती ठंड में सड़क पर ही बैठ गए हैं. बकायदा ग्रामीण अपने साथ घरों से बर्तन और राशन समान लेकर पहुंचे हुए हैं और जब तक  मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक अपना अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखने की बात कही है.


ग्रामीणों की मांग है कि उनके गांव में जो पुलिस कैंप खोला गया उसे तत्काल हटाया जाए, और सड़क निर्माण का कार्य भी रोका जाए. ग्रामीणों का आरोप  है कि बिना ग्राम सभा के अनुमति के पुलिस कैंप स्थापित किया गया है और सड़क बनाई जा रही है. ग्रामीण नहीं चाहते हैं कि उनके गांव में पुलिस कैम्प खुले और सड़क बने, इसलिए इसे हटाने की मांग को लेकर हजारों आदिवासी ग्रामीण अपने पारंपरिक हथियार लेकर सड़क पर अनिश्चितकालीन आंदोलन में बैठ गए हैं.


कैंप खुलने से ग्रामीणों पर बढ़ेगा अत्याचार


आंदोलन पर बैठे ग्रामीणों ने बताया कि उनके इस विरोध प्रदर्शन में  बस्तर संभाग के करीब 150 गांव के हजारों ग्रामीणों पहुंचे हुए हैं, वे नहीं चाहते हैं कि उनके गांवो में पुलिस नया कैंप खोलें क्योंकि पुलिस कैंप खुलने से ग्रामीणों पर जवानों का अत्याचार बढ़ेगा और उन्हें झूठे मामले में फंसाया जाएगा और नक्सली बताकर जेल में ठूसा  जाएगा, इसलिए वह नहीं चाहते हैं कि उनके गांव में कैंप खुले, वह चाहते हैं कि जो भी कैंप खोला गया है उसे तत्काल यहां से हटाया जाए. इसके अलावा उन्होंने सड़क का भी विरोध किया है.


ग्रामीणों का कहना है कि हम नहीं चाहते कि हमारे गांव में सड़क बने, अगर सड़क बनेगा तो जवानों की गश्ती बढ़ेगी और बाहरी लोगों के द्वारा हमारे जल, जंगल, जमीन का दोहन किया जाएगा, इसलिए सड़क का भी ग्रामीणों ने विरोध किया है, उन्होंने कहा कि जब तक हमारी यह दो मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे रहेंगे. ग्रामीणों ने बताया कि इस आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पहुंची है.


वहीं आंदोलन कर रहे एक ग्रामीण का कहना है कि पुलिस नक्सलियों के गतिविधियों में नजर रखने की बात कहकर उनके गांवों में ड्रोन उड़ा रही है. गांव की महिलाएं नदी नाले में नहाने जाते हैं ऐसे में ड्रोन से तस्वीर ली जा रही है, इसलिए वे नहीं चाहते कि उनके इलाके में ड्रोन उड़ाया जाए और पुलिस कैंप खोला जाए, ग्रामीणों ने कहा कि जब तक उनकी दो  मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे अपने अनिश्चितकालीन आंदोलन में बैठे रहेंगे.


बीजापुर में भी ग्रामीणों ने किया आंदोलन


इधर पहले ही बीजापुर जिले के पुसनार बुरजी  इलाके में ग्रामीण इंद्रावती नदी में बन रहे  नया पुल और पुलिस कैंप का विरोध कर रहे हैं. वहीं अब नारायणपुर में भी पुलिस कैंप और  सड़क के विरोध में हजारों ग्रामीण अनिश्चितकालीन आंदोलन में नारायणपुर से ओरछा के मुख्य सड़क पर बैठ गए हैं, जिससे पिछले 2 दिनों से वाहनों की लंबी कतार लग गई है और आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गई है.


इधर इस मामले में बस्तर के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि सड़क, पुल पुलिया और पुलिस कैम्प ग्रामीणों के ही सुविधा के लिए खोले जा रहे हैं. सड़क बनने से उनके गांव तक विकास पहुंच रहा है और कैम्प खुलने से ग्रामीणों की सुरक्षा भी बढ़ी है,कुछ जगहों पर नक्सली ग्रामीणों पर जबरन आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करने का दबाव बना रहे हैं, इस वजह से ग्रामीण कुछ जगह पर आंदोलन कर रहे हैं, आईजी ने कहा कि इन ग्रामीणों से पुलिस और जिला प्रशासन लगातार बात कर रही है, और उन्हें अपने आंदोलन को खत्म करने की समझाइश दे रही है.


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