कांग्रेस नेता विक्रम बैस की मर्डर मिस्ट्री सुलझी, बिहार से लाए गए थे हथियार, सामने आई हत्या की वजह
Narayanpur News: नारायणपुर के कांग्रेस नेता और मालक परिवहन संघ के विक्रम बैस की हत्या मामले में 6 आरोपी पकड़ गए हैं. मुख्य आरोपी मनीष राठौर जेल में है. हत्या की वजह भी सामने आई है.
Narayanpur Congress Leader Murder Case: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में कांग्रेस के ब्लॉक उपाध्यक्ष और मालक परिवहन संघ के सचिव विक्रम बैस की हत्या की गुत्थी पुलिस ने वारदात के 2 दिन बाद सुलझा ली है. हत्या के मामले में अब तक 6 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
हालांकि अब भी इस हत्या का मास्टरमाइंड मनीष राठौर फरार चल रहा है, जिसकी पतासाजी में नारायणपुर पुलिस की स्पेशल टीम जुटी हुई है और जल्द ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लेने का दावा कर रही है.
अलग-अलग इलाकों से किया गिरफ्तार
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार के मुताबिक व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा और आपसी रंजिश के चलते मनीष राठौर ने कांग्रेस नेता विक्रम बैस की हत्या की साजिश रची थी और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के जरिए विक्रम बैंस की गोली मारकर हत्या करवाई थी, इस कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में शामिल अभी तक 6 आरोपियों को नारायणपुर पुलिस ने दुर्ग रायपुर और बिलासपुर पुलिस की मदद से दुर्ग और बिलासपुर के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार कर लिया है.
जेल में दोस्ती कर रची हत्या की साजिश
पुलिस ने विक्रम बैंस की हत्या के दिन इस्तेमाल की गई पिस्टल ,गंडासा और दो मोटरसाइकिल को भी जब्त कर लिया है, इस घटना के मुख्य आरोपी मनीष राठौर ने 354 के मामले में जेल में सजा काटते विश्वजीत नाग नाम के एक अन्य आरोपी से जेल में दोस्ती कर उसके साथ मिलकर विक्रम बैंस की हत्या की साजिश रची और उसके बाद जेल में सजा काट बाहर निकलने के बाद दुर्ग के रहने वाले अन्य चार आरोपी के साथ मीटिंग कर कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की पूरी कहानी रची और इन आरोपियों में से तीन आरोपियों ने कांग्रेस नेता विक्रम बैस की गोली मारकर हत्या कर दी.
तीन महीने पहले तैयार की गई थी हत्या की साजिश
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि बीते 13 मई की रात मालक परिवहन संघ के सचिव और कांग्रेस नेता विक्रम बैस की बखरुपारा में स्थित उनके मकान से करीब 400 मीटर की दूरी पर तीन अज्ञात लोगों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पुलिस आरोपी की पतासाजी में जुटी हुई थी.
हालांकि पहले इसे पुलिस नक्सली वारदात के एंगल से जांच कर रही थी, लेकिन हत्या से जुड़ी कुछ सबूत मिलने के बाद पुलिस ने दूसरे एंगल से इसकी छानबीन शुरू की और पाया कि नारायणपुर में ही रहने वाले मनीष राठौर ने विक्रम बैंस की हत्या की साजिश रची और सुपारी किलिंग के जरिए विक्रम बैंस की हत्या करवा दी.
यहां बनाई पिस्टल खरीदने की प्लानिंग
इस घटना के बाद आरोपी फरार हो गया, लेकिन पुलिस इस कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में शामिल 6 आरोपियों तक पहुंच गई और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किया, इन आरोपियों में से विश्वजीत नाग ने बताया कि जेल में सजा काटने के दौरान मनीष राठौर ने उसे चार लोगों को हायर करने को कहा, जेल से छूटने के बाद मनीष राठौर और विश्वजीत नाग ने भिलाई के इंडियन कॉफी हाउस में हायर किये गए 4 लोगों के साथ पिस्टल खरीदने और हत्या की प्लानिंग बनाई.
हत्या कर हो गए फरार
इन चार लोगों में राजीव रंजन, संदीप यादव, सैमुअल और जसप्रीत सिंह शामिल थे, इनके साथ बैठक कर हत्या करवाने की डील की, हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल इन्ही 4 आरोपियों द्वारा बिहार से लाया गया था, जिसके बाद घटना को अंजाम देने के पहले दो दिनों तक तीन आरोपियों के द्वारा विक्रम बैस की रेकी की गई और 13 मई घटना के दिन कांग्रेस नेता विक्रम बैस को अकेला पाकर इन आरोपियों में से संजू यादव और विश्वजीत नाग ने मिलकर गंडासा से वार कर और अपने पास रखे पिस्टल से तीन गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए.
दूसरे राज्य में भागने के थे फिराक में
नारायणपुर पुलिस ने दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर पुलिस की मदद से दुर्ग और बिलासपुर के अलग-अलग इलाकों से 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, यह सभी आरोपी छत्तीसगढ़ छोड़कर दूसरे राज्य में भागने के फिराक में थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें धर दबोचा. इधर आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल, गंडासा को मनीष राठौर के गोदाम से बरामद किया.
मुख्य आरोपी मनीष राठौर आदतन अपराधी
इस वारदात का मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी मनीष राठौर फरार चल रहा है, नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने दावा किया है कि जल्द ही मनीष राठौर की भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी, और उसके बाद इस हत्या से जुड़ी और भी खुलासे से हो सकते हैं.
एसपी ने बताया कि मनीष राठौर आदतन अपराधी है, इसके खिलाफ नारायणपुर थाना में कई मामले दर्ज हैं, जेल से छूटने के बाद मनीष राठौर ने नारायणपुर के स्थानीय पत्रकारों को धमकी भरे पत्र भी बाय पोस्ट भेजे थे, और इसे बड़े ही चालाकी से नक्सली एंगल से जोड़ दिया था.
एसपी ने बताया कि मनीष राठौर के गोदाम से नक्सलियों के नाम पर फर्जी लेटर और बैनर भी बरामद किए हैं, पिछले दो महीने से नक्सलियों के नाम पर मनीष राठौर नारायणपुर में दहशत फैलाने का काम कर रहा था, हालांकि मनीष राठौर के गिरफ्तारी के बाद अन्य मामलों का भी खुलासा हो पाएगा, फिलहाल पुलिस इस मुख्य आरोपी की पतासाजी में जुट गई है.
ये भी पढ़ें: Chhattisgarh: नारायणपुर में 30 से ज्यादा सरपंचों ने छोड़े गांव, नक्सलियों ने जारी किया था मौत का फरमान