Narayanpur News: नारायणपुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूझमाड़ के ग्रामीण अब नक्सली संगठन में नहीं बल्कि शासकीय सेवा में शामिल हो रहे हैं. सरकार की पहल पर पहली बार अबुझमाड़िया जनजाति के 7 युवक युवतियों समेत 55 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किया गया है. बस्तर में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन हाल ही में हुआ है. कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया निकाल रहा है. भर्ती प्रक्रिया में बस्तर के स्थानीय युवाओं को ही मौका दिया जा रहा है. 


देश की विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं का हुआ चयन


अबूझमाड़ इलाके के 7 अबूझमाड़िया आदिवासी युवक युवतियों की गिनती देश की विशेष पिछड़ी जनजाति में होती है और नक्सलियों की राजधानी कहे जाने वाले कुतुल गांव के निवासी हैं. 7 अबूझमाड़िया आदिवासी युवक युवतियां चयन के बाद अब नारायणपुर कलेक्ट्रेट, विभिन्न कार्यालयों में अलग अलग पदों पर सेवा देंगे. देश की आजादी के बाद पहली बार अबुझमाड़िया आदिवासियों को कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से सरकारी नौकरी मिला है. नारायणपुर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी और पुलिस अधीक्षक सदानन्द कुमार ने चयनित अबूझमाड़ इलाके के आदिवासी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देते हुए शुभकामनाएं दी. चयनित हुए सभी युवा अबूझमाड़ के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र  कुतुल, धुरबेड़ा, लंका, उसेबेड़ा गांव के रहने वाले हैं.


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कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षा में मिली सफलता


अबुझमाड़िया जनजाति के युवा मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पिछड़े रह जाते हैं. बेहतर शिक्षा की सुविधा देकर शिक्षित अबुझमाड़िया युवाओं को आगे लाने का अब तक कोई प्रयास नहीं किया जा रहा था. लेकिन कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला और काबिलियत, मेहनत से सफलता हासिल की. अबुझमाड़िया जनजाति के 7 युवा दूसरों को प्रेरित करने का काम करेंगे. कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड से चयनित हुए 55 अभ्यर्थियों को भी पदस्थापना दी गयी है.


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