Surrendered Naxalite Murder: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सरेंडर नक्सली की हत्या का मामला सामने आया है. माओवादियों ने मुखबिरी के आरोप में जन अदालत लगाकर मौत की सजा सुनाई. घटना छोटे डोंगर के तुरुषमेटा गांव की है. मृतक नक्सली की पहचान अजीत के रूप में हुई है.


अजीत नक्सल संगठन पूर्वी बस्तर डिवीजन कमेटी का डॉक्टर था. 2 महीने पहले उसकी वापसी नक्सली संगठन से मुख्यधारा में हुई थी. मुख्यधारा में लौटने के बाद अजीत गांव में सामान्य जिंदगी जी रहा था.


पुलिस मुखबिरी के शक में सरेंडर नक्सली की हत्या


4 अप्रैल की आधी रात नक्सली घर से अगवा कर अजीत को ले गए थे. 5 अप्रैल की सुबह माओवादियों ने जन अदालत लगाकर पूर्व नक्सली अजीत को मौत के घाट उतार दिया. घटना से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है.


एसपी प्रभात कुमार का कहना है कि बस्तर में नक्सली लगातार जनाधार खो रहे हैं. बौखलाहट में अब निर्दोष  ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सल संगठन को काफी नुकसान हो रहा है. मुठभेड़ में नक्सली मारे जा रहे हैं. अब पुलिस मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या को अंजाम दे रहे हैं. गुरुवार की रात भी माओवादियों ने पूर्व नक्सली अजीत कुमार को मौत के घाट उतार दिया.


घर से अगवा करने के बाद जन अदालत में रेता गला


जानकारी के मुताबिक अजीत ने 30 जनवरी 2024 को नारायणपुर पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था. सरेंडर करने के बाद गांव में सामान्य जिंदगी बिता रहा था. शुरुआत में सरेंडर नक्सली अजित को पुलिस ने साथ रखा. पुनर्वास नीति के तहत लाभ देने की प्रक्रिया की गयी.


अजीत को अंदाजा नहीं था कि गांव से नक्सली अगवा कर लेंगे. बताया जा रहा है कि जन अदालत में पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर अजीत की गला रेतकर हत्या कर दी गयी. एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया है. अज्ञात माओवादियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है. नक्सलियों के रावघाट आरकेएस डिवीजन एरिया कमेटी ने घटना की जिम्मेदारी ली है.


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