छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी रावघाट लौह अयस्क परियोजना को लेकर दो गुटों में बंटे ग्रामीणों के बीच उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, मंगलवार को इन दोनों गुटों के बीच जमकर विवाद हुआ. इस बीच एक गुट ने आगजनी की घटना को अंजाम दे दिया. दरअसल रावघाट लौह अयस्क परियोजना के विरोध में कुछ साल पहले रावघाट संघर्ष समिति का गठन किया गया है, जिसमें कांकेर और नारायणपुर जिले के कुछ ग्रामवासी शामिल है जो नहीं चाहते कि रावघाट में कोई लौह अयस्क का खदान खुले.


इस वजह से लगातार सड़क में बैरिकेट्स लगाकर लोह अयस्क का परिवहन कर रहे वाहनों को रोक रहे हैं, लेकिन मंगलवार को जैसे ही इस प्लांट के प्रभावित ग्रामीणों को इस बात की भनक लगी तो मौके पर पहुंचे प्रभावित ग्रामीणों और रावघाट संघर्ष समिति के ग्रामीणों के बीच जमकर झूमा झटकी हुई, और गांव के युवाओं ने बैरिकेट्स में आग लगा दी.


इस घटना की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल को मौके पर भेजा गया ,जिसके बाद दोनों गुटों को शांत करवाया. फिलहाल इस मार्ग पर लोह अयस्क के परिवहन को रोक दिया गया है, वहीं संघर्ष समिति के ग्रामीण किसी भी कीमत पर रावघाट परियोजना को नहीं खुलने देने की बात पर अड़े हुए हैं.


परियोजना को लेकर ग्रामीणों के दो गुट आमने सामने


इस रावघाट लौह अयस्क परियोजना का विरोध कर रहे संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि इस परियोजना के माध्यम से बस्तर के जल जंगल जमीन का दोहन किया जा रहा है, परियोजना के जरिए ग्रामीणों के जल जंगल जमीन को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए वह नहीं चाहते हैं कि रावघाट परियोजना यहां शुरू हो, इसलिए उन्होंने लौह अयस्क के परिवहन को रोकने के लिए पहले ही बैरियर बनाया हुआ था ,जिसे प्लांट के आसपास के ग्रामीणों ने इस परियोजना के अधिकारियों के कहने पर तोड़ दिया और उनसे झूमा झटकी भी की.


वहीं प्लांट के आसपास रहने वाले प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि इस प्लांट के जरिए गांव में विकास कार्य हो रहा है, अभी तक नक्सलवाद का दंश झेलने की वजह से इस गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ था, लेकिन प्लांट के शुरू होने से बिजली ,पानी की सुविधा गांवों तक पहुंच रही है, साथ ही सरकारी अमला भी उनके गांव तक पहुंच कर उनकी पूछ परख कर रहा है, वे चाहते हैं कि इलाके में रावघाट प्लांट खुले ताकि प्लांट में स्थानीय लोगों को भी नौकरी मिल सके, और उनके गांव का विकास हो सके.
उन्होंने कहा कि इस प्लांट के विरोध करने वालों के खिलाफ ग्रामीण खड़े रहेंगे और उनका विरोध करेंगे, इधर दोनों गुटों में झूमा झटकी और आगजनी की घटना की जानकारी लगने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को भेजा गया, और दोनों गुटों को शांत करवाया गया. नारायणपुर  एसपी  सदानंद कुमार ने का कहना है कि फिलहाल इस सड़क पर अभी आवागमन को रोक दिया गया है और दोनों गुटों को शांत कराने की कोशिश की जा रही है, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.


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