Narayanpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नारायणपुर (Narayanpur) जिले में एक ग्राम पटेल से DRG जवानों के द्वारा मारपीट करने के आरोप में गुस्साए ग्रामीणों ने नारायणपुर-अंतागढ़ मार्ग में चक्का जाम कर दिया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं जिस ग्रामीण से DRG के जवानों ने मारपीट की है, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पटेल सोमनाथ दुग्गा और उसके परिवार के सदस्यों की मंगलवार रात उसके घर पहुंचे DRG पुलिस के जवानों ने बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे ग्राम पटेल के साथ-साथ उसके परिवार वालो को भी काफी  चोट आई है. ग्रामीणों ने बुधवार को लगभग 2 से 3 घंटे तक नारायणपुर-अंतागढ़ मार्ग पर मौजूद भरांडा थाना में चक्का जाम किया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इधर नारायणपुर के एडिशनल एसपी ने पुलिस के जवानों द्वारा ग्राम पटेल से मारपीट के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया है.


जवानों पर घर की महिलाओं से भी बदतमीजी करने के आरोप


चक्काजाम किये ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार रात DRG के जवान ग्राम पटेल सोमनाथ दुग्गा के अंजरेल पंचायत स्थित खोड़गांव में उसके घर पहुंचे और घर में आकर घर के सारे लोगों के साथ  मारपीट की और घर की महिलाओं के साथ बदतमीजी भी की और ग्राम पटेल सोमनाथ दुग्गा से भी मारपीट कर उसके कपड़े फाड़कर अपने साथ ले गए. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि घर के सदस्यों में कमलेश दुग्गा, रैनि दुग्गा, हेमवती दुग्गा, चमरे बाई दुग्गा, ललिता दुग्गा, कमलू राम दुग्गा और साथ ही छोटे-छोटे बच्चों के साथ भी DRG के जवानों ने मारपीट की. 6 मोटर साइकिल और एक बोलेरो में जवान, सोमनाथ दुग्गा को मारपीट कर अपने साथ ले गए, जिसके चलते ग्रामीणों ने सोमनाथ को रिहा करने और उसके साथ मारपीट करने वाले जवानों पर कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को चक्का जाम किया.




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एएसपी ने कही ये बात


इधर इस मामले में नारायणपुर के एएसपी नीरज चंद्राकर का कहना है कि ग्रामीण सोमनाथ पहले नक्सली संगठन के साथ जुड़कर काम कर रहा था, इसके खिलाफ कई शिकायतें भी मिली थीं, केवल पूछताछ के लिए इसे थाने लेकर आए थे, ग्रामीणों के आरोप निराधार हैं. उन्होंने आगे कहा कि DRG के जवान पूछताछ के लिए सोमनाथ दुग्गा को थाने लेकर आ रहे थे और इस दौरान उसके परिवार वालों ने पुलिस वाले को रोकना चाहा, उन्हें बस समझाने की कोशिश की गई, मारपीट के आरोप निराधार हैं. एएसपी ने कहा कि साल 2014 में भी सोमनाथ दुग्गा नक्सली संगठन का सहयोग करने के चलते एक साल जेल में सजा काट चुका है. केवल पूछताछ के लिए उसे थाने बुलाया गया था, लेकिन घरवालों ने विरोध किया. फिलहाल सोमनाथ दुग्गा को छोड़ दिया गया है.


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