Narayanpur News: घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ में प्रस्तावित नये पुलिस कैंप के खिलाफ हजारों ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है. करीब 13 पंचायतों के ग्रामीणों ने पुलिस कैंप को हटाने और वन संरक्षण अधिनियम 2022 को रद्द करने की मांग सरकार से की है. सैकड़ों ग्रामीणों ने अबूझमाड़ के इरकभट्टी गांव में विशाल जनसभा के माध्यम से पारंपरिक रूढ़िवादी ग्राम सभा का आयोजन किया. जनसभा में हजारों अबूझमाढ़िया और गांव की महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग पारंपरिक वेशभूषा पहनकर और तीर, धनुष लेकर पहुंचे. पुलिस कैंप और वन संरक्षण अधिनियम 2022 के विरोध में आयोजित जनसभा 3 दिनों तक चलेगी. 


हजारों ग्रामीणों ने तीर धनुष लेकर निकाली रैली


आंदोलनकारी ग्रामीणों ने कहा कि माड़ इलाके में प्रस्तावित नये पुलिस कैंप खुलने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ेगी. महिलाएं जंगल में आजादी से घूम नहीं पाएंगी और ग्रामीणों को नक्सली बताकर जेल भेज दिया जाएगा. उन्होंने आशंका जताई की महिलाओं के साथ अत्याचार भी बढ़ेगा. करीब 13 पंचायतों के ग्रामीण चाहते हैं कि गांव में पुलिस कैंप नहीं खुले और प्रस्ताव को वापस लिया जाए.  मांग नहीं माने जाने पर हजारों ग्रामीणों का आंदोलन जारी रहेगा. ग्रामीणों ने कहा कि अबूझमाड़ के ग्रामीणों की आजीविका का साधन वनोपज है. जंगल से कंदमूल के अलावा कई प्रकार की औषधि मिलती है. ग्रामीण जंगल लेने जाएंगे तो पुलिस नक्सली बताकर और झूठे आरोप लगाकर जेल भेज देगी.


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पुलिस कैंप और वन संरक्षण अधिनियम का विरोध


ग्रामीणों ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम 2022 लागू हो जाने के बाद ग्राम सभा की शक्ति में कटौती हो गई है. केंद्र सरकार की गठित कमेटी को निश्चित समय सीमा में वन भूमि को गैर-वानिकी कार्य का उपयोग करने के प्रस्ताव को स्वीकार करने या अस्वीकार करने की अधिकृत हो गई है. इसके नतीजे में न केवल आदिवासियों के वन अधिकार का हनन और जंगलों की अंधाधुंध कटाई होगी बल्कि राजीनीति से जुड़े लोग व्यक्तिगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए जमकर भ्रष्टाचार करेंगे. ग्रामीणों ने पारंपरिक वेशभूषा और हाथों में तीर धनुष लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने आदिवासी संस्कृति पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किये. विरोध सभा में हजारों ग्रामीण मौजूद रहे.


बस्तर आईजी ने ग्रामीणों के विरोध पर कही ये बात


ग्रामीणों के विरोध पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि अबूझमाड़ का इलाका नक्सलियों के कब्जे में है. इसलिए यहां सुरक्षा बलों का कैंप खोलना प्रस्तावित है. कैंप के खुलने का सीधा फायदा लोगों को मिलेगा. गांव में सड़क, अस्पताल, स्कूल और अन्य बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. पुलिस कैंप खुलने से ग्रामीणों को बुनियादी सुविधा मिल सकेगी, साथ ही अबूझमाड़ के इलाके से भी नक्सली कुछ हद तक बैकफुट पर आ जाएंगे. ऐसे में ग्रामीणों की ही बेहतर जिंदगी को ध्यान में रखकर यहां पुलिस कैंप प्रस्तावित किया गया है. आईजी ने कहा कि ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से मनाने की कोशिश की जा रही है.