बस्तर: भारत सरकार के नीति आयोग ने देश के 112 आकांक्षी जिलों की रिपोर्ट तैयार की है. इन जिलों में राज्य सरकारों ने बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ पोषण आहार के क्षेत्र में बेहतर काम किया है. इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले ने नीति आयोग के आकांक्षी जिला रिपोर्ट में पांचवा स्थान पाया है. दरअसल इस साल 10 अगस्त को जारी चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैकिंग में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का बेहतर परफॉर्मेंस रहा. इसकी वजह से देश में घोषित 112 आकांक्षी जिलों में से ओवरऑल परफॉर्मेंस श्रेणी में छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों में नारायणपुर पांचवें स्थान पर है. वहीं स्वास्थ्य और पोषण श्रेणी में नारायणपुर को दूसरा स्थान मिला है. शिक्षा की श्रेणी के आधार पर जारी मासिक डेल्टा रैंकिंग में नारायणपुर जिले को चौथा स्थान मिला है.


पिछड़े जिलों में हो रहा बेहतर काम
बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर जिले के साथ-साथ नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में भी बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण आहार के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर तरीके से काम किया गया है. छत्तीसगढ़ में हुए इन प्रयासों को भारत सरकार ने कई बार सराहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पहल की थी कि राज्य के पिछड़े क्षेत्र के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा मिल सके. वो भविष्य के अवसरों के लिए तैयार हो सकें. इसी को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों के साथ अन्य जिलों में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू किए गए हैं. स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के शुरू होने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे भी अब अंग्रेजी माध्यम में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.


अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिंदी माध्यम में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल भी शुरू किए गए हैं. इसके अलावा आकांक्षी जिलों में संचालित प्राथमिक स्कूल के बच्चों को उनकी स्थानीय बोली में भी शिक्षा दी जा रही है. इससे वो अपनी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े रहें और पाठ्यक्रम के विषयों को आसानी से समझ सकें. इसी तरह बच्चों में कुपोषण दूर करने और किशोरी बालिकाओं और महिलाओं को एनिमिया से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया गया है. सरकार के प्रयासों से पोषण के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं. 


स्वास्थ्य क्षेत्र के काम


स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करते हुए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक, दाई-दीदी क्लिनिक, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, हमर लैब, मलेरिया मुक्त बस्तर और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ योजना का संचालन किया जा रहा है. इनके अलावा डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के तहत स्वास्थ्य संबंधी लाभ पहुंचाए जा रहे हैं. यही वजह है कि नीति आयोग ने नारायणपुर जिले को आकांक्षी जिलों में पांचवा स्थान दिया है.


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