Bastar News: छत्तीसगढ़ में 2009 में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे (Vinod Kumar Chaubey) की नक्सलियों ने घात लगाकर हत्या कर दी थी. इस घटना के 15 साल बाद उनके हत्यारे को मार गिराया गया है. रूपेश नाम का नक्सल कमांडर एक सप्ताह तक चले अभियान के दौरान बस्तर में मारा गया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रूपेश पर 25 लाख का इनाम घोषित था. उसके साथ दो और नक्सली भी मारा गया है. इनके खिलाफ नारायणपुर, कोडागांव और दंतेवाड़ा जिले में अभियान चलाया गया था. वह उन 33 नक्सलियों में एक था जो कि वांछित थे. रूपेश को 23 सितंबर को मार गिराया गया. वह उस वक्त जोनल कमिटी सदस्य और प्लाटून कमांडर था. उसके खिलाफ 66 केस दर्ज थे.
वीरता पुरस्कार से किया गया था सम्मानित
2009 में मदनवाड़ा के जंगल में नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में विनोद चौबे के अलावा 28 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. चौबे को मरणोपरांत देश के दूसरे सर्वोच्च वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से नवाजा गया था.
नक्सली के मारे जाने पर विनोद के बेटे की प्रतिक्रिया
विनोद के बेटे सौमिल रंजन चौबे हावर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं. उन्होंने 12 जुलाई को अपने पिता के साथ एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें लिखा था, ''15 साल पहले एक काले रविवार ने सबकुछ बदल दिया.'' वहीं, उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि मैंने हाल के एनकाउंटर के बारे में पढ़ा. मैं छत्तीसगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ के बहादुरों को अभियान में साहस दिखाने के लिए बधाई देता हूं. हमारे जैसे परिवारों ने नक्सलियों की हिंसा के कारण बड़ा नुकसान झेला है.
सौमिल ने कहा कि न्याय की तरफ एक-एक कदम राहत और दर्द दोनों देते हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि यह पल इस बात की याद दिलाएगा कि जो अभी भी हिंसा के पथ पर हैं बातचीत ही आगे का रास्ता है ना कि हिंसा. विनोद चौबे 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. इसके पहले भी बलरामपुर और कांकेर में उनपर हमला हुआ था.
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