छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले में सीआरपीएफ कैंप में हुई फायरिंग की घटना को लेकर नक्सली नेता का बयान सामने आया है. बीजापुर जिले में नक्सलियो के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के नक्सली नेता दिनेश मोडियम ने लिंगनपल्ली कैंप में हुई घटना को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. दिनेश मोडियम ने सीआरपीएफ कैंप में हुए गोलीकांड का हवाला देते हुए कहा कि बस्तर में तैनात जवान तनाव में रहकर नौकरी ना करें और ना ही पुलिस भर्ती में शामिल हों. नक्सली लीडर दिनेश पोडियम ने नक्सल विरोधी अभियान में भी जवानों से शामिल ना होने की अपील की है. नक्सली नेता ने इस अभियान में शामिल होकर अपनी जान नहीं गवाने की अपील की है.
नक्सली नेता ने जवानों की आत्महत्या और आपसी विवाद के बाद हत्या जैसी घटनाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. दरसअल, लिंगनपल्ली में एक जवान ने अपनी एके 47 रायफल से अपने ही साथी जवानों पर गोलियां बरसा दी थी. गोलीबारी में चार जवानों की मौत हो गई थी. इस घटना को लेकर नक्सली नेता ने कहा कि बस्तर में सरकार के दबाव में पुलिस जवान तनावपूर्ण जिंदगी जी रहे हैं. चिट्ठी में जवानों से अपील की गई, "प्यारे पुलिस भाइयों प्रताड़ना के खिलाफ संघर्ष करो. अधिकारियों के दबाव में गुलाम जैसे ना रहते हुए अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें."
नक्सलियों ने अपने पर्चे में लिखा है कि जवान पेट पालने के लिए मजबूरी में शोषक वर्ग के लिए काम कर रहे हैं. यहां के प्राकृतिक संसाधनों को लूटने के लिए शोषक वर्ग एक हथियार के रूप में जवानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन पर शोषण, दबाव और प्रताड़ना जारी है. नक्सलियों ने जवानों से कहा है कि उनपर दबाव डालकर अपने ही भाई-बहनों, किसानों, मजदूरों पर हमला करवाया जा रहा है. अधिकारियों की प्रताड़ना झेलने से मानसिक तनाव में रहते हैं. यही वजह है कि सुकमा जिले के मरईगुड़ा इलाके के लिंगनपल्ली सीआरपीएफ कैंप में दर्दनाक घटना हुई है. नक्सलियों ने जवानों से कहा है कि आप आत्महत्या, आपस में हत्या करना छोड़ो और अपनी बंदूकों को आला अधिकारियों पर तानो. पुलिस विभाग में रहते हुए जनविरोधी कामों में शामिल न हों और नौकरी को छोड़ दें.
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