Naxalite Lalu Modiami Surrender: नक्सली संगठन के अंतर्राज्यीय कैडर को बड़ा झटका लगा है. झारखंड रीजनल कमेटी के सदस्य 10 लाख रुपये के ईनामी नक्सली लालू मोड़ीयामी (Lalu Modiami) ने शनिवार को बीजापुर पुलिस (Bijapur Police) के सामने सरेंडर किया है. बीजापुर जिले के पेद्दा कोरमा का रहने वाला लालू मोड़ीयामी साल 2009 से नक्सलियो के दलम में सक्रिय था. लालू गंगालूर एरिया कमेटी में PLGA सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था. इसके बाद 2010 में पदोन्नत हुआ और 2014 में सेंट्रल कमेटी मेम्बर  सुधाकर का गनमैन बना. फिर अप्रैल 2015 में संगठन ने उसे बिहार-झारखंड कैडर में गतिविधियों को संचालित करने की जिम्मेदारी दी.


जिसके बाद साल 2018 में उसे झारखंड रीजनल कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया. फिर साल 2021 तक संगठन में सक्रिय रहते लालू छत्तीसगढ़ समेत बिहार-झारखंड में कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा. पुलिस के मुताबिक 15 से अधिक बड़ी घटनाओं में लालू मोरिया शामिल रहा. संगठन में रहते एक महिला नक्सली से लालू को प्रेम हुआ लेकिन इस प्रेम के विरोध में नक्सली संगठन खड़ा हो गया. लगातार बड़े नक्सली लीडर लालू और उसकी प्रेमिका को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहे. जिसके बाद आखिरकार लालू मोडियामी ने अपने पत्नी समेत शनिवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.


नक्सली लालू की पत्नी है गर्भवती 


नक्सली लालू की पत्नी गर्भवती है, जिसे लेकर भी नक्सली भेदभाव करते थे. जिसके चलते पुलिस के सामने लालू ने हथियार डाल दिये, बीजापुर एसपी कहना है कि नक्सली संगठन लोगों के परिवार को तोड़ रहे है और पुलिस उन्हें सरेंडर कराकर परिवार को  जोड़ने का काम कर रही है.


15 सालों से नक्सली संगठन में था सक्रिय


नक्सली ने सरेंडर कर संगठन छोड़ने के पीछे बताया कि प्रेम प्रसंग और ओहदे को लेकर संगठन में भेदभाव पूर्ण नीति अपनाई जाती . बड़े नक्सली लीडर के द्वारा लगातार उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था. उनकी पत्नी को गर्भवती होने के बावजूद लगातार नक्सलियों के द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था. जिसके बाद लालू काफी दिनों से  सरेंडर करने का मन बना रहा था, और आखिरकार एक दिन निर्णय लेने के बाद शनिवार को बीजापुर पुलिस के समक्ष अपनी पत्नी समेत लालू मोड़ीयामी ने  डीआईजी कमलोचन कश्यप, एसपी आंजनेय वार्ष्णेय के समक्ष सरेंडर कर दिया.


पुलिस ने 10 हजार की दी प्रोत्साहन राशि


पुलिस अधिकारियों द्वारा फिलहाल सरेंडर नक्सली को 10 हजार रुपये  प्रोत्साहन राशि दी गई है और जल्द ही पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात पुलिस अफसरों ने कही है. वहीं लालू के सरेंडर करने से पुलिस को छत्तीसगढ़ समेत झारखंड-बिहार में नक्सली नेटवर्क के सम्बंध में अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है.


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