(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
15 साल से आतंक मचाने वाले नक्सली शंकर राव का खात्मा, सुकमा CRPF बस हमले समेत इन वारदातों में था शामिल
Kanker Naxal Encounter: कांकेर में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में 29 नक्सली मार गिराए गए. जिसमें 25 लाख रुपए का इनामी नक्सली शंकर राव और 8-8लाख की महिला नक्सली माधवी और ललिता भी शामिल थी.
Kanker Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में माओवादी संगठन को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है. एक साथ 29 नक्सलियों को जवानों ने मार गिराया है. इनमें 25 लाख रुपए का इनामी नक्सली शंकर राव समेत 8-8लाख की महिला नक्सली और कई इनामी नक्सली शामिल है.
लोकसभा चुनाव से पहले जवानों को नक्सल विरोधी अभियान में अब तक की सबसे बड़ी सफलता हाथ लगी है. नक्सली कमांडर शंकर राव की मौत को पुलिस बड़ी सफलता बड़ा रही है.
15 सालों ने मचा रखा था आतंक
दरअसल, पिछले 15 सालों से शंकर राव का तेलंगाना, ओड़िसा और छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर और उत्तर बस्तर में आतंक था. वो लंबे समय से परतापुर एरिया कमेटी में वह सक्रिय था. शंकर कई बड़ी नक्सल वारदातों को लीड कर चुका है. इस वजह से शंकर राव के मारे जाने से माओवादी संगठन को तगड़ा झटका लगा है.
लगभग 15 साल से माओवादी संगठन में सक्रिय शंकर राव डिवीसीएम में सचिव और वर्तमान में स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था. जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. डिवीसीएम सचिव रहते शंकर राव SLR हथियार लेकर चलता था उसके बाद स्पेशल चैनल कमेटी का सदस्य बनने के बाद शंकर राव अपने पास AK-47 और लाइट मशीन गन LMG रखता था.
29 नक्सलियों के शव किए बरामद
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि आईबी इनपुट से जानकारी मिली थी कि छोटी बेठिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिनागुंडा और कोरोनार के बीच हापाटोला इलाके में बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी है. यहां केंद्रीय कमेटी मेंबर राजू समेत बड़े नक्सली लीडरों की मौजूदगी है. इसके बाद बीएसएफ,सीआरपीएफ, DRG जवानों की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन चलाया और चार लेयर बनाकर नक्सलियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जवानों की पहली ही कार्रवाई में कई नक्सली मारे गए. हालांकि नक्सलियों की ओर से चले फायरिंग में बीएसएफ के तीन जवान घायल भी हुए है.
घटनास्थल में सर्चिंग के दौरान जवानों ने 29 नक्सलियों के शव बरामद किए. जिसमें से एक शव की पहचान 25 लाख रूपए के इनामी नक्सली शंकर राव और 8 लाख रूपए की इनामी माधवी और 8 लाख की इनामी ललिता के रूप में हुई है. वहीं बाकि मारे गए नक्सलियों की शिनाख्ती करने में पुलिस जुटी हुई है.
शंकर राव को बनाया गया था स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने मुठभेड़ में मारे गए 25 लाख के इनामी नक्सली शंकर राव की जानकारी देते हुए बताया कि शंकर राव परतापुर एरिया कमेटी में लंबे समय से सक्रिय रहा है. शंकर राव परतापुर एरिया कमेटी जिला उत्तर बस्तर कांकेर के थाना परतापुर, बड़गांव, पखांजूर,दुर्गकोंदल, कोयलीबेड़ा इसके अलावा दक्षिण बस्तर के सुकमा, बीजापुर,दंतेवाड़ा के सीमावर्ती इलाकों में लंबे समय तक सक्रिय रहा. तेलंगाना का रहने वाला शंकर 15 साल पहले माओवादी संगठन से जुड़ा और उसके बाद कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा.
माओवादी संगठन में जुड़ने के शुरुआती दिनों में वह जनमिलिशिया का कमांडर रहा, धीरे-धीरे कई बड़ी वारदातों में शामिल रहने के चलते शंकर राव को माओवादी संगठन में पद मिलने लगा और हाल ही में शंकर राव स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य बनाया गया था.
सुकमा CRPF पर हमले में भी शामिल था शंकर राव
शंकर राव लंबे समय से बस्तर पुलिस के टारगेट में रहा और इसकी तलाश तेलंगाना, ओड़िसा और बस्तर पुलिस करती आ रही थी. सुकमा जिले में हुई बड़ी नक्सली वारदातों में शंकर राव मुख्य रूप से शामिल रहा. इसके अलावा कांकेर जिले के अलग-अलग इलाकों में हुई मुठभेड़ में शंकर राव कई वारदातों को लीड कर चुका है. जिसमें मुख्य रूप से 2021 में सीआरपीएफ जवानों से भरी बस को IED ब्लास्ट का उड़ाना, जिसमें 5 जवानों की शहादत और 15 जवान घायल हुए थे. इसके अलावा इसी इलाके में कई मुठभेड़ में सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस जवानों की हत्या, और इसके अलावा सुकमा और बीजापुर जिले में हुए कई ऐसे वारदातों का मास्टरमाइंड रहा है.
शंकर राव कई युवाओं को माओवादी संगठन में करा चुका था भर्ती
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि करीब 35 से 40 वर्ष का शंकर राव कई युवाओं को माओवादी संगठन में भर्ती करा चुका है और PLGA में ट्रेनिंग भी दे चुका है. तेलंगाना, ओडीशा छत्तीसगढ़ के साथ महाराष्ट्र एरिया में भी लंबे समय तक शंकर राव सक्रिय रहा है. हालांकि लंबे समय तक शंकर राव उत्तर बस्तर के कांकेर जिले के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय रहा.
सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए इन बड़े नक्सलियो का जमावड़ा था और शंकर राव ही चुनाव में नुकसान पहुचाने के लिए साजिश रच रहा था और आखिरकार शंकर राव मुठभेड़ में मारा गया. हालांकि बताया जा रहा है कि केंद्रीय कमेटी मेंबर नक्सली लीडर राजू मुठभेड़ स्थल से भाग निकलने में कामयाब रहा.
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