(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बस्तर में नक्सलियों ने एक ही दिन में दो ग्रामीणों को उतारा मौत के घाट, पर्चा छोड़ बताई हत्या की वजह
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने रविवार सुबह को दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया है. इस हत्या के बाद नक्सलियों ने शव के पास पर्चा छोड़ कर इन्हें मारने की भी वजह बताई है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने आज रविवार को सुबह जमकर तांडव मचाया. संभाग के अलग-अलग जिलों में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में दो ग्रामीणों की हत्या कर दी. पहली हत्या कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा में की और वहीं दूसरी हत्या बीजापुर जिले के अंगमपल्ली गांव में की.
कांकेर जिले में हुई ग्रामीण की शिनाख्त नहीं हो पाई है और दूसरी दूसरी हत्या बीजापुर जिले के अंगमपल्ली गांव के ग्रामीण यालम शंकर की हुई . इन दोनों की हत्या की जिम्मेदारी नक्सली संगठन ने लेते हुए इनके शवों के पास एक पर्चा भी छोड़ा है.
इसलिए मारा है ग्रामीणों को
नक्सलियों के मुताबिक दोनों ही ग्रामीण पुलिस की मुखबिरी में शामिल थे. बीजापुर निवासी यालम शंकर साल 2018 से ही नक्सलियों के खिलाफ काम कर रहा था. ग्रामीण ने नक्सल विरोधी बनकर पुलिस के लिए लंबे समय तक काम किया, यही नहीं मृतक यालम शंकर नक्सली गतिविधि की सारी जानकारी मद्देड थाना प्रभारी और बीजापुर एसपी को दिया करता था.
नक्सलियों द्वारा जारी पर्चे में यह भी कहा गया है कि ग्रामीणों को धमकाकर यालम शंकर ने कई जानकारियां इकट्ठा की थीं और पुलिस तक पहुंचाई. 26 नवंबर साल 2021 को गौरारम और तिम्मीरगुड़ा के जंगलों में DRG की टीम को बुलाकर हमला कराने में यालम शंकर की अहम भूमिका थी.
नक्सलियों की इस करतूत के लिए मिलेगी सजा
नक्सलियों ने अपने पर्चे में लिखा है कि यालम शंकर को नक्सलियों ने कई बार सुधरने का मौका दिया और चेतावनी भी दी थी. नक्सली संगठन का जनविरोधी बनकर काम करने के चलते चेतावनी के बावजूद नहीं सुधरने पर यालम शंकर की हत्या कर दी गयी.
नक्सलियों ने कहा कि संगठन में मुखबिरी और षड्यंत्रकारियों को जन अदालत के माध्यम से सजा देने का प्रावधान है. यालम शंकर और कोयलीबेड़ा निवासी अज्ञात ग्रामीण को नक्सली विरोधी काम करने पर सजा दी गई है.
वहीं इस घटना को लेकर बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि बस्तर संभाग में लगातार नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहा है. इस वजह से बौखलाए नक्सली ग्रामीणों को अपना निशाना बना रहे हैं, आईजी का कहना है कि नक्सलियों के इस करतूत के लिए उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.