Chhattisgarh News: सुकमा में नक्सलियों ने रेता ग्रामीण का गला, एक दिन में दो लोगों को उतारा मौत के घाट
Sukma Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुछ दिन पहले नक्सलियों ने चार युवकों का अपहरण कर लिया था और अब एक ही दिन दो ग्रामीणों को मार डाला है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लगातार पुलिस की तरफ से एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाने के बावजूद नक्सली घटनाएं कम नहीं हो रही हैं. सुकमा जिले में दिन दहाड़े दो ठेकेदार समेत चार लोगों का अपरहण कर 40 घंटे तक अपने साथ जंगल जंगल घूमाने के बाद कुछ शर्त पर नक्सलियों ने चारों युवको को रिहा तो कर दिया, लेकिन बुधवार (14 फरवरी) को सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक बिजली मिस्त्री को पुलिस मुखबिरी के शक में मार डाला और उसकी लाश सड़क पर फेंक दिया. नक्सलियों ने शव के पास एक पर्चा भी फेंका. जिसमें बिजली मिस्त्री को नौकरी की आड़ में सीआईडी का काम करने का आरोप लगाया और उसकी सूचना पर पुलिस के जवानों की तरफ से कई ग्रामीणों को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप लगाया.
जिसके चलते बिजली मिस्त्री की हत्या करने की बात अपने प्रेस नोट में नक्सलियों ने लिखी. वहीं बुधवार के दिन ही नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने नल जल योजना के तहत ओरछा इलाके में चल रहे काम में मजदूरी करने वाले इकबाल मियां नाम के शख्स की गला रेतकर हत्या कर दी. नक्सलियों ने इस वारदात को ओरछा के जनपद पंचायत के सामने लगे बाजार में अंजाम दिया, हालांकि इस मजदूर की हत्या को लेकर पुलिस अलग-अलग एंगल से इस मामले की जांच कर रही है. यह नक्सली घटना है या आपसी रंजिश इसको लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है, लेकिन एक ही दिन में नारायणपुर और सुकमा जिले में दो लोगों की हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है.
3 सालों में 40 ग्रामीणों को नक्सलियों ने उतारा मौत के घाट
बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित जिलों में पुलिस मुखबिरी के शक पर नक्सली की तरफ से ग्रामीणों के हत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीते 3 सालों में ही 40 से अधिक ग्रामीणों की नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में हत्या कर दी है. बुधवार को भी सुकमा जिले के इंजरम-भेज्जी मार्ग पर स्थित गोरखा गांव के पास नक्सलियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी. ग्रामीण की पहचान पोलमपल्ली थाना क्षेत्र के पालामड़गु गांव निवासी पोडियम जोगा के रूप में हुई है. ग्रामीण बिजली मिस्त्री का काम करता था. दिनदहाड़े नक्सलियों ने ग्रामीण को पकड़कर उसकी हत्या कर दी और शव के पास नक्सली पर्चा भी फेंका.
इस पर्चे में नक्सलियों ने लिखा है कि जोगा पोडियम पुलिस के लिए सीआईडी और बीमा योजना के तहत ग्रामीणों से पैसे लूटने का काम करता था. 2006 में सलवा जुडूम अभियान में सक्रिय रूप से काम किया था और जनता को नक्सलियों के खिलाफ भड़काने का काम कर रहा था. बीमा योजना के नाम पर ग्रामीणों से 3 लाख रुपये लूटने का भी आरोप नक्सलियों ने अपने पर्चे के माध्यम से लगाया है. हालांकि इस मामले में सुकमा जिले के एडिशनल एसपी गौरव मंडल का कहना है कि नक्सलियों का आरोप सरासर गलत है. मृतक जोगा का पुलिस का मुखबिर नहीं था. वह एक मजदूर था और बिजली मिस्त्री का काम करता था. बौखलाए हुए नक्सली हर बार निर्दोष आम जनता को मारकर पुलिस मूखबिरी का आरोप लगाते हैं और जोगा पोडियम के साथ भी नक्सलियों ने ऐसा ही किया.
बीच बाजार में मजदूर का रेता गला
वहीं बुधवार को ही नक्सलियों ने नारायणपुर जिले में दूसरी घटना को अंजाम दिया, जहां नल जल योजना के तहत ओरछा इलाके में चल रहे काम में मजदूरी करने वाले इकबाल मियां नाम के मजदूर की गला रेतकर हत्या कर दी. नक्सलियों ने यहां भी दिनदहाड़े इस वारदात को अंजाम दिया. बताया जा रहा है कि नक्सली सादे वेशभूषा में पहुंचे और बाजार गए मजदूर इकबाल मियां की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी. हालांकि इस घटना स्थल में नक्सलियों ने पर्चा नहीं फेंका. जिसके चलते पुलिस सभी पहलुओं से इस मामले की जांच कर रही है. इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है.