Naxalites Killed Villager in Bijapur: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों ने एक ग्रामीण को मार डाला. पुलिस अधिकारियों ने सोमवार (27 जनवरी) को यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत केशामुंडी गांव में माओवादियों ने रविवार (26 जनवरी) को ग्रामीण भदरू सोढ़ी (41) की कुल्हाड़ी मार कर हत्या कर दी.
उन्होंने बताया कि 26 जनवरी की शाम लगभग सात बजे माओवादी केशामुंडी गांव स्थित सोढ़ी के घर पहुंचे और कुल्हाड़ी से उसकी हत्या कर फरार हो गए. अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों को गांव रवाना किया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से एक पर्चा भी बरामद किया है जिसमें माओवादियों ने सोढ़ी पर गद्दारों का साथ देने, सलवा जुडूम में काम करने और पुलिस को पार्टी की सूचना देने का आरोप लगाया है.
'आदिवासी ग्रामीणों पर निकाल रहे है अपना गुस्सा'
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जिले में चलाए जा रहे माओवादी विरोधी अभियान में लगातार पुलिस को मिल रही सफलता से माओवादी संगठन को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. साथ ही माओवादियों के मुख्य क्षेत्र में नए सुरक्षा शिविर के निर्माण से उनका आधार क्षेत्र सिमट रहा है. इससे माओवादी बौखला गए हैं और वह आम निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों पर अपना गुस्सा निकाल रहे है.
उन्होंने कहा कि माओवादी कभी गद्दारी, कभी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर भय का माहौल बनाने के लिए आम लोगों की हत्या कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि 26 जनवरी की शाम लगभग सात बजे माओवादी केशामुंडी गांव स्थित सोढ़ी के घर पहुंचे और कुल्हाड़ी से उसकी हत्या कर फरार हो गए. अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों को गांव रवाना किया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से एक पर्चा भी बरामद किया है जिसमें माओवादियों ने सोढ़ी पर गद्दारों का साथ देने, सलवा जुडूम में काम करने और पुलिस को पार्टी की सूचना देने का आरोप लगाया है.
'आदिवासी ग्रामीणों पर निकाल रहे है अपना गुस्सा'
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जिले में चलाए जा रहे माओवादी विरोधी अभियान में लगातार पुलिस को मिल रही सफलता से माओवादी संगठन को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. साथ ही माओवादियों के मुख्य क्षेत्र में नए सुरक्षा शिविर के निर्माण से उनका आधार क्षेत्र सिमट रहा है. इससे माओवादी बौखला गए हैं और वह आम निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों पर अपना गुस्सा निकाल रहे है.
उन्होंने कहा कि माओवादी कभी गद्दारी, कभी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर भय का माहौल बनाने के लिए आम लोगों की हत्या कर रहे हैं.
नक्सली अक्सर आदिवासी ग्रामीणों के बीच गद्दारी और पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर भय का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं. हालांकि, कुछ माओवादी पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में लौटने के लिए आत्मसमर्पण कर रहे हैं, जिससे नक्सलियों की स्थिति और भी कमजोर हो रही है.
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