Bijapur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के  बीजापुर (Bijapur) जिले के घोर नक्सल प्रभावित सिलगेर (Silger) गांव में रविवार को 4 महिलाओं समेत  19 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxalites) में कुछ ईनामी नक्सली भी शामिल हैं. इस सिलगेर गांव में पिछले डेढ़ साल से ग्रामीण सीआरपीएफ (CRPF) कैम्प स्थापित किए जाने के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. अब इस क्षेत्र के हार्डकोर नक्सलियों ने इसी कैम्प में सरेंडर किया है. 


सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत 10 - 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. साथ ही जल्द ही पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात भी सीआरपीएफ के अधिकारियों ने कही है. वहीं इस कैम्प में  ग्रामीणों के लिए सिविक एक्शन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें 400 से ज्यादा ग्रामीण शामिल हुए.


सिलगेर में ग्रामीणों का बढ़ रहा भरोसा


दरअसल, सिलगेर में खुले सीआरपीएफ कैंप के विरोध में आसपास के करीब 20 पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण पिछले डेढ़ वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं. यह आंदोलन  प्रदेश का सबसे ज्यादा दिनों तक चलने वाला आंदोलन बन गया है. वहीं पिछले कुछ महीनों से इस कैंप में तैनात जवान आसपास के ग्रामीणों को भरोसे में लेने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही इस  एंटी नक्सल ऑपरेशन भी बढ़ाया गया है.


इसके चलते इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय नक्सली अब सरेंडर कर रहे हैं. रविवार को भी कैंप में 19 नक्सलियों ने सरेंडर किया. इसमें 4 महिला नक्सली भी शामिल हैं. CRPF डीआईजी एस.के मिश्रा  ने बताया कि सरेंडर नक्सली काफी लंबे समय से अपने संगठन में सक्रिय थे, लेकिन लगातार इस इलाके में बढ़ रहे पुलिस के दबाव के चलते और बड़े नक्सली लीडरों के प्रताड़ना से तंग आकर सभी ने जवानों के समक्ष हथियार डाल दिए . इनमें से कुछ नक्सलियों के ऊपर ईनाम भी घोषित था.


कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे


फिलहाल सभी सरेंडर नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि देने के साथ उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति के तहत लाभ देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. सीआरपीएफ के डीआईजी ने बताया कि  समय-समय पर कैंप के अधिकारियों के द्वारा गांव में सिविक एक्शन कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है. इस  कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच भी रहे हैं.  रविवार को भी आसपास पंचायतों के लगभग 400 से ज्यादा ग्रामीण इस कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे, जिन्हें उनके दैनिक उपयोग के लिए जरूरी सामान और युवाओं को कॉपी किताब और अन्य जरूरी सामान बांटे गए.


उन्होंने कहा कि अब धीरे-धीरे सिलगेर गांव का माहौल बदल रहा है. पुलिस के जवान ग्रामीणों का भरोसा जीतने में भी कामयाब हो रहे हैं. यही वजह है कि अब इस क्षेत्र के सक्रिय नक्सली भी सरेंडर कर रहे हैं. CRPF के अधिकारियों को उम्मीद है कि  आने वाले दिनों में इस इलाके में और सक्रिय नक्सली संख्या में बड़ी सरेंडर कर सकते हैं.


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