Parliament Building Inauguration: देशभर में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी घमसान मचा हुआ है. विपक्ष नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President) से करवाने की मांग कर रहा है. इस मामले में केंद्र की सत्तरुढ़ और विपक्षी नेताओं के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर जारी है . इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बयान पर पलटवार किया है. सीएम बघेल ने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के नाम पर उठे सवाल तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
दरअसल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को राजधानी रायपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कि संसद भवन ब्रिटिश कार्यकाल के पहले बना था और राष्ट्रपति भवन ब्रिटिश काल में बना हुआ है तो उसका उद्घाटन इंदिरा गांधी जी कैसी करतीं? उसके एक हिस्से का कोई करे तो अलग बात है, लेकिन पूरे संसद का उद्घाटन करना अलग बात है. उन्होंने कहा कि पहले जो बना था उसे नया बनाया गया है तो हमारी मांग थी कि उसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कांग्रसे के आरोपों पर किया पलटवार
आपको बता दें की इससे पहले नए संसद भवन पर विपक्ष की तरफ से की जा रही मांग पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने मंगलवार को कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि, कुछ लोगों को राजनीतिक रोटियां सेंकने की आदत पड़ गई है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि अगस्त 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संसद भवन एनेक्सी का उद्घाटन किया. बाद में 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संसद पुस्तकालय का उद्घाटन किया. अगर कांग्रेस सरकार के मुखिया भवनों का उद्घाटन कर सकते हैं तो हमारी सरकार के मुखिया ऐसा क्यों नहीं कर सकते?
नव निर्मित संसद भवन के बिल्डिंग की क्या है खासियत?
गौरतलब है कि 28 मई को नई संसद भवन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे. संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर केंद्र सरकार बड़े स्तर पर जोर शोर से तैयारी कर रही है. नई बिल्डिंग को बनाने का काम 2020 में शुरू हुआ था, जो अब बनकर तैयार हो गया है. इस नई बिल्डिंग में लोकसभा और राज्यसभा के लिए दो अलग अलग चेंबर होंगे पुरानी बिल्डिंग की तरह ही. लोकसभा में एक साथ 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है. वहीं राज्यसभा के चेंबर में एक साथ 384 लोग बैठ सकते हैं. इसके अलावा संयुक्त सत्र के लिए लोकसभा चेंबर में ही बैठक की व्यवस्था होगी, क्योंकि जरूरत के अनुसार लोकसभा में सीटों की संख्या बढ़ाया जा सकता है.
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