छत्तीसगढ़ के बस्तर वासियों की लंबे समय की मांग पूरी होने जा रही है और उनकी आंदोलन की मेहनत रंग लाने वाली है, दरअसल पिछले चार दशकों से जगदलपुर को राजधानी रायपुर से सीधे रेल मार्ग से जोड़ने के लिए बस्तर संभाग के हजारों लोग लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं और आखिरकार साल 2023-24 के आम बजट में रावघाट रेल परियोजना के अधूरे काम को पूरा करने के लिए लगभग 500 करोड़ रुपए की स्वीकृति केंद्र सरकार ने दे दी है.


इसके अलावा किरंदुल से जगदलपुर तक 135 करोड़ दोहरीकरण रेल लाइन के लिए मंजूरी मिल गई है. इसके अलावा जगदलपुर से ओड़िशा के कोरापुट रेललाइन दोहरीकरण के लिए 170 करोड़ रुपए की बजट को भी मंजूरी दे दी गई है. रेल विभाग की मानें तो जल्द ही इस पर काम शुरू भी होने वाला है. बस्तरवासियों के लगातार आंदोलन का ही नतीजा है कि पिछले 4 दशकों बाद साल 2023- 24 के बजट में बस्तर में रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए लगभग 800 करोड़ रुपए की बजट केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है.


इस साल के अंत तक रावघाट परियोजना का काम होगा पूरा


रेल आंदोलन के सदस्य संपत झा, किशोर पारख, संतोष जैन ,अनिल लुक्कड़, पद्मश्री धर्मपाल सैनी और बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मनीष शर्मा का कहना है कि बस्तर वासियों ने इस साल केंद्र सरकार के बजट से काफी उम्मीदें लगाई थी, जिसमें रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए केंद्र सरकार ने अपने बजट में बस्तरवासियों को बड़ी सौगात दी है.


हालांकि नए रूटों के लिए भी पैसेंजर ट्रेन मिलने की उम्मीद जरूर थी लेकिन बस्तर वासियों की सबसे लंबी और महत्वपूर्ण मांग जगदलपुर को राजधानी रायपुर से जोड़ने के लिए रावघाट रेल परियोजना के अधूरे पड़े काम को शुरू करने की मांग थी और जिसमें आखिरकार केंद्र सरकार ने अपने बजट में 500 करोड़ रुपए इस रावघाट रेल परियोजना को पूरा करने के लिए मंजूरी दी है, जो निश्चित तौर पर बस्तर वासियों के लिए काफी बड़ी सौगात है.


जगदलपुर राजधानी रायपुर से सीधे रेल मार्ग से जुड़ जाएगा तो इससे निश्चित तौर पर बस्तर का विकास होगा और आवागमन के साधन बढ़ने के साथ बस्तर के लोग रायपुर के माध्यम से अन्य बड़े राज्यों से रेल मार्ग के माध्यम से जुड़ पाएंगे. इसके अलावा बस्तर में व्यापार बढ़ने के साथ बस्तर वासियों का आर्थिक लाभ भी होगा, बताया जा रहा है कि 2023 के दिसंबर माह तक या 2024 के मार्च महीने तक रावघाट परियोजना के तहत 150 किलोमीटर का रेल लाइन पूरा कर लिया जाएगा.


इसके अलावा के.के रेल मार्ग में भी किरंदुल से जगदलपुर तक दोहरीकरण  रेललाइन के लिए 135 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है और जगदलपुर से कोरापुट के लिए 170 करोड़ रुपए बजट में स्वीकृत की गई है.


निश्चित तौर पर इस के.के रेल मार्ग में भी दोहरीकरण रेललाइन का कार्य पूरा होने से नई ट्रेनों की सौगात मिल सकती है, और कोरापुट तक आने वाले पैसेंजर ट्रेनों को जगदलपुर तक एक्सटेंड  किया जा सकता है, जिससे बस्तर वासियों को इस नये ट्रेनों से अन्य बड़े शहरों से भी जोड़ा जा सकेगा. सिंगल रेल लाइन होने की वजह से इस के.के रेल मार्ग में रेल सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाया है.


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