Raipur: रायपुर में पुलिस का नववर्ष मिलन, नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों ने CM बघेल से साझा किए अनुभव
New Year 2023: रायपुर में नए साल के मौके पर पुलिस जवानों का मिलन समारोह आयोजित हुआ. मिलन समारोह का हिस्सा बने सीएम बघेल ने नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के अनुभव सुने.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों की तस्वीर बदल रही है. बस्तर में सुरक्षा बलों के कैंप लोगों के लिए सुविधा केंद्र बन गए हैं. पुरुष जवानों के साथ महिला जवान भी मोर्चा संभाले हुई हैं. आमजन में सुरक्षा बलों के प्रति पहले से कहीं ज्यादा भरोसा बढ़ा है. राजधानी के पुलिस लाइन में पुलिस जवानों का नववर्ष मिलन समारोह आयोजित हुआ. इस मौके पर बस्तर अंचल के अंदरूनी क्षेत्रों में डयूटी पर तैनात जवानों के जज्बे की सराहना की गई. जवान अनेक चुनौतियों के बावजूद दायित्वों का बखूबी निर्वाह कर रहे हैं. आम जनता का पुलिस पर भरोसा बढ़ा है. पुलिस के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि बताई गई.
पुलिस जवानों के बीच पहुंचे सीएम भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री से चर्चा में सुनैना पटेल ने बताया कि दंतेश्वरी फाइटर्स की सदस्य संख्या 30 से बढ़कर 60 हो गई है. सुनैना पटेल दंतेश्वरी फाइटर्स की सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि दंतेश्वरी फाइटर्स की महिला पुरुष जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर नक्सल गश्त, नक्सल मोर्चे संभालने और कैंप खोलने जैसे अहम काम की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं. एसटीएफ के जवान ने बताया कि उन्होंने पांच कैंप के निर्माण में सुरक्षा कार्य का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने कहा, "सभी जगह स्थानीय लोगों से कैंप के प्रति सकारात्मक रिस्पॉन्स मिल रहा है. लोग कैंप बनाने पर जोर रहे हैं. इसका प्रमुख कारण है कि हम कैंप से सड़क का निर्माण, स्कूलों का दोबारा निर्माण, अपने पास उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं के अलावा स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से इलाज मुहैया करा रहे हैं." कोंडागांव जिले से आए डीआरजी के एएसआई ने बताया कि पहले नक्सली गतिविधियों में शामिल थे.
नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों ने बताए अनुभव
छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत डीआरजी में शामिल हुए. उन्होंने बताया कि पहले जंगल में भटकना पड़ता था पर अब खुशहाल जीवन बिता रहे हैं. सुदूर दुर्गम क्षेत्र में कैंप खुल जाने से नक्सली घटनाओं में कमी आई है. डीआरजी की महिला सदस्य पूनम यादव सुकमा जिले के पोटमपल्ली और पलाईगुड़ा कैं के निर्माण में सहयोगी रहीं. उन्होंने बताया कि कैं निर्माण के शुरुआती दौर में स्थानीय लोगों ने पहले विरोध किया, लेकिन अब बैरक, शौचालय, फैन्सिंग, लाइट और सड़क निर्माण जैसे कार्य होने से लोगों का भय कम होने लगा है. बीजापुर में पदस्थ डीआरजी के जवान राम लाल नेताम ने बताया कि इटेपाल और पुसनार में कैंप खोले गए हैं. अब नक्सलियों के सड़क काटे जाने की वारदातों में कमी आई है.
सीआरपीएफ की जॉनसी जाना के मुताबिक, अब रोड कनेक्टिविटी और कैंप में सुविधाएं बढ़ गई हैं, जिससे पुलिस पर स्थानीय लोगों का भरोसा बढ़ा है. एसडीआरएफ के जवान जागेश्वर धीवर ने बताया, "राज्य में आपात स्थिति से निपटने के लिए 60 टीम तैनात है. देश के सबसे लंबे 100 घंटे से अधिक समय तक चले राहुल रेस्क्यू में भी हमारी टीम ने पूरी तत्परता से काम किया. हमने बाढ़ और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए 1200 आपदा मित्रों को भी प्रशिक्षित किया."