Dantewada News: देश के 52 शक्तिपीठों में से एक छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर (Danteshwari Mandir) में नए साल के मौके पर हजारों की संख्या में भीड़ जुटने वाली है. जिसके लिए अभी से प्रशासन ने सारी तैयारियां शुरू कर दी हैं. बस्तर (Bastar) की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के प्रति सिर्फ छत्तीसगढ़ वासियों की ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों के लोगों की काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है और यही वजह है कि शारदीय और चैत्र नवरात्रि के साथ  नए साल के पहले दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए दंतेवाड़ा पहुंचते हैं.


छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थलों में दंतेवाड़ा का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है. इसे ही देखते हुए बस्तर पुलिस और जिला प्रशासन ने नए साल के पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ का अनुमान लगाते हुए सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं की दर्शन संबधी व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दी है. बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव बताते हैं कि मां दंतेश्वरी बस्तर वासियों की आराध्य देवी हैं और बस्तर राज परिवार की कुलदेवी हैं. पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव जब सती माता के भस्म शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे तब माता का एक दन्त इसी दंतेवाड़ा में गिरा था और तबसे इस जगह का नाम दंतेवाड़ा रखा गया और यहां स्थापित माता का नाम दंतेश्वरी देवी पड़ा.


इन राज्यों से भी दर्शन के लिए आते हैं श्रद्धालु
लगभग 30 एकड़ में फैले इस मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर के बगल से ही सकरी और डंकिनी देवी की नदी है जहां सफेद और लाल पानी का संगम होता है. यहां जो भी श्रद्धालु पहुंचते हैं वे इस नदी में स्नान करके माता के दर्शन के लिए जाते हैं. वहीं दंतेश्वरी देवी से छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि बस्तर से लगे तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के श्रद्धालुओं की भी गहरी आस्था जुड़ी हुई है जो नवरात्रि और नए साल के पहले दिन बड़ी संख्या में माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.


1 जनवरी को हजारों की संख्या में पहुंचेंगे श्रद्धालु
दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर विनीत नंदनवार ने बताया कि नए साल के पहले दिन दंतेश्वरी मंदिर में 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु आने का अनुमान है. ऐसे में टेंपल कमेटी और दंतेवाड़ा पुलिस प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन ने तीन दिन पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए किसी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए मंदिर परिसर से लेकर गर्भ गृह तक पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है. इसके अलावा नए साल के पहले दिन सुबह 4 बजे से मंदिर के पट खोले जाएंगे और रात 12 बजे तक श्रद्धालु माता के दर्शन कर सकेंगे. वहीं हर 5 मीटर की दूरी में टेंपल कमेटी का एक सदस्य मौजूद रहेगा जिससे भीड़ से स्थिति को नियंत्रण करने में आसानी होगी.


इन मंदिरों में भी उमड़ेगी भीड़
इसके अलावा नदी के पास भी SDRF और  होमगार्ड के जवान तैनात रहेंगे. दंतेवाड़ा के अलावा जगदलपुर में भी मां दंतेश्वरी के मंदिर में भी सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु नए साल के पहले दिन दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में बस्तर पुलिस और जिला प्रशासन ने भी इस मंदिर में तैयारी पूरी कर ली है. नए साल के मौके पर बारसूर के गणेश मंदिर ,देवड़ा के शिव मंदिर और चित्रकोट के ऐतिहासिक शिव मंदिर में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु नए साल के पहले दिन पहुंचते हैं.


श्रद्धालुओं को मिलेगा VIP दर्शन का लाभ
इधर, श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस बार वीआईपी दर्शन के लिए 2100 रुपये निर्धारित किए गए हैं. श्रद्धालु इस रकम से मां दंतेश्वरी देवी के गर्भगुड़ी में जाकर दर्शन कर सकेंगे. टेंपल कमिटी के सचिव का कहना है कि दूसरे राज्य से बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक नए साल के पहले दिन मां दंतेश्वरी देवी के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं. ऐसे में बस्तर संभाग के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों की भीड़ बढ़ जाती है. इसे ही ध्यान में रखते हुए इस वर्ष वीआईपी दर्शन की व्यवस्था की गई है.


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