Jagdalpur Municipal Corporation: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पिछले कुछ दिनों से घमासान मचा हुआ है. दरअसल, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद एक बार फिर से बीजेपी के पार्षदो ने निगम की सभापति कविता साहू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्टर को पत्र दिया है. अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. इसको लेकर कांग्रेस की ओर से दो पर्यवेक्षकों की नियुक्ति बस्तर कांग्रेस कमेटी ने कर दी है.
इसके लिए जगदलपुर के पूर्व विधायक रेखचंद जैन और रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे को पर्यवेक्षक बनाया गया है. रविवार (10 मार्च) को जगदलपुर पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने कांग्रेस भवन में प्रेस वार्ता किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता की चुनी हुई सरकार को प्रदेश में बैठी बीजेपी सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गिराने की कोशिश की जारी है. उन्होंने बस्तर कलेक्टर और निगम आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त बीजेपी का एजेंट बनकर काम कर रहे हैं.
'बीजेपी नगर आयुक्त और कलेक्टर पर डाल रही दबाव'
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा, "नियमों के मुताबिक जो जिला कलेक्टर ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पत्र जारी किया है. वह साजिश के तहत जारी किया गया है. बीजेपी नेताओं के द्वारा बस्तर कलेक्टर और निगम के आयुक्त के ऊपर दबाव डाला जा रहा है."
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में इस तरह का माहौल बनाकर जानबूझकर जनता द्वारा चुने गए कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कि बीजेपी नेता अनैतिक और तुच्छ राजनीति का परिचय दे रहे हैं.
बकावंड में क्रॉस वोटिंग से छिनी कुर्सी
दरअसल, बस्तर संभाग में अविश्वास प्रस्ताव का यह तीसरा मामला है. कोंडागांव नगर पालिका के बाद बस्तर जिले के बकावंड जनपद में भी कांग्रेस की जनपद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. वोटिंग के दौरान कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिससे कांग्रेस से अध्यक्ष की कुर्सी छिन गई.
वहीं अब जगदलपुर नगर निगम में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, लेकिन इस बार महापौर की जगह नगर निगम की अध्यक्ष कविता साहू के खिलाफ बीजेपी पार्षदों के जरिये अविश्वास प्रस्ताव लाया जा है.
अविश्वास प्रस्ताव और आम बजट एक ही दिन
कुछ दिन पहले ही सभी बीजेपी पार्षदों ने कलेक्टर से मिलकर अविश्वास प्रस्ताव के लिए तारीख तय करने की मांग की थी. जिसके बाद कलेक्टर ने पत्र जारी कर 11 मार्च को तारीख तय किया है. हालांकि इससे पहले बीते 11 मार्च को निगम में कांग्रेस की महापौर सफीरा साहू ने आम बजट पेश करने का ऐलान किया था. वहीं अब एक ही दिन निगम अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए वोटिंग होगी और इसी दिन महापौर के द्वारा बजट पेश किया जाएगा. हालांकि अभी भी आम बजट पेश करने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कांग्रेस ने बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद दो पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है.
बस्तर कांग्रेस कमेटी ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए अलग और आम बजट के लिए अलग पर्यवेक्षकों की नियुक्ति ने की है.
अविश्वास प्रस्ताव के लिए रायपुर निगम सभापति प्रमोद दुबे को पर्यवेक्षक बनाया गया है. प्रमोद दुबे ने कहा कि बीजेपी के इस अविश्वास प्रस्ताव का सभी कांग्रेसी पार्षद मुंहतोड़ जवाब देंगे. वर्तमान में जगदलपुर नगर निगम के 48 पार्षदों में 29 कांग्रेस के पार्षद हैं, जबकि 19 बीजेपी के पार्षद हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की यह साजिश कभी कामयाब नहीं हो पाएगी और कांग्रेस के सभी पार्षद कांग्रेस के ही पक्ष में वोट करेंगे.
बस्तर कलेक्टर और निगम आयुक्त पर लगाए ये आरोप
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर निगम सभापति प्रमोद दुबे ने बस्तर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त पर निशाना साधा है. प्रमोद दुबे ने कलेक्टर और निगम आयुक्त पर बीजेपी का एजेंट बनकर काम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "जनता सब देख रही है और इस मामले को लेकर कांग्रेस कोर्ट भी जा सकती है. निगम की सभापति कविता साहू ने पत्र जारी कर अधिकारियों को आम बजट पेश करने की सूचना दे चुकी हैं.
प्रमोद दुबे ने कहा प्रशासनिक तानाशाही के चलते उनके पत्र का जवाब देना भी अधिकारियों ने उचित नहीं समझा.
प्रमोद दुबे ने कहा कि जगदलपुर की जनता ने जगदलपुर की महापौर और निगम अध्यक्ष को वोट देकर चुना है. इस दौरान यहां पर बीते पांच सालों में अच्छा काम भी हुआ है. बावजूद इसके सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी शक्ति प्रदर्शन के लिए और बजट पेश करने में रोड़ा डालते हुए इस तरह से अविश्वास प्रस्ताव ला रही है.
'अविश्वास प्रस्ताव से डरी कांग्रेस की निगम सरकार'
इस मामले में नगर निगम नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे का कहना है कि नगर निगम में कांग्रेस के 29 पार्षद और बीजेपी के 19 पार्षद हैं, इसके बावजूद कांग्रेस की निगम सरकार डरी हुई है और तारीख आगे बढ़ाने सभी पार्षदों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से लेटर भेज रही है. उन्हें डर है कि कांग्रेस के पार्षद बीजेपी के पक्ष में वोट देंगे. इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाने में बाधा डालने की कोशिश कर रही है. हालांकि इसके बावजूद 11 मार्च को निगम सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्तावा लाया जाएगा.
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